Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2016 · 1 min read

तेरी जुल्फ़ों का ज़ादू

मैंने कहा श्री मान जी!तेरी जुल्फ़ों में तो ज़ादू है।
श्री मानजी जी संवर उठे।
चंदन-से बिखर उठे।
सलमान-से निखर उठे।
मैंने फिर से कहा—-
श्री मान जी आपकी जुल्फ़ों में तो ज़ादू है।
पर आपकी जुल्फ़ों से निकल ये जुओं की बारात सजी आ रही है इनपर क्यों नहीं क़ाबू है।
श्री मानजी हाथ जुड़वा लीजिए,
पांव भी पकड़वा लीजिए,
पर इतना कर्म फ़रमा दीजिए।
अपनी जुल्फ़ों का ज़ादू ,
कहीं और जाकर चला लीजिए।
अच्छा होगा किसी हज़्ज़ाम के पास जा।
इन जुल्फ़ों को कटवा लीजिए।
कटवा लीजिए न……।

Language: Hindi
753 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आधा - आधा
आधा - आधा
Shaily
क्यूँ ख़्वाबो में मिलने की तमन्ना रखते हो
क्यूँ ख़्वाबो में मिलने की तमन्ना रखते हो
'अशांत' शेखर
ढलता सूरज वेख के यारी तोड़ जांदे
ढलता सूरज वेख के यारी तोड़ जांदे
कवि दीपक बवेजा
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**"श्रद्धा विश्वास रुपिणौ'"*
Shashi kala vyas
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Destiny
Destiny
Shyam Sundar Subramanian
छोटे गाँव का लड़का था मैं
छोटे गाँव का लड़का था मैं
The_dk_poetry
"इण्टरनेट की सीमाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
gurudeenverma198
ऐ,चाँद चमकना छोड़ भी,तेरी चाँदनी मुझे बहुत सताती है,
ऐ,चाँद चमकना छोड़ भी,तेरी चाँदनी मुझे बहुत सताती है,
Vishal babu (vishu)
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
Pramila sultan
किरदार हो या
किरदार हो या
Mahender Singh
अप्प दीपो भव
अप्प दीपो भव
Shekhar Chandra Mitra
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
नन्हीं - सी प्यारी गौरैया।
नन्हीं - सी प्यारी गौरैया।
Anil Mishra Prahari
क्या अब भी तुम न बोलोगी
क्या अब भी तुम न बोलोगी
Rekha Drolia
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें,
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें,
शेखर सिंह
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
ज़िंदगी तेरा हक़
ज़िंदगी तेरा हक़
Dr fauzia Naseem shad
💐अज्ञात के प्रति-116💐
💐अज्ञात के प्रति-116💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नव वर्ष का आगाज़
नव वर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
जिंदगी में.....
जिंदगी में.....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
विषय -परिवार
विषय -परिवार
Nanki Patre
*भर कर बोरी रंग पधारा, सरकारी दफ्तर में (हास्य होली गीत)*
*भर कर बोरी रंग पधारा, सरकारी दफ्तर में (हास्य होली गीत)*
Ravi Prakash
#OMG
#OMG
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी बेटियाँ
मेरी बेटियाँ
लक्ष्मी सिंह
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
Sanjay ' शून्य'
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...