Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2017 · 1 min read

तेरा जादू मोदी

तेरा जादू मोदी बड़ा हो गया l
यहां पर बखेड़ा खड़ा हो गया ll

भरे नोट बोरी में सड़ते यहां l
तिजोरी का ताला खुला हो गया ll

जहां हम रहे आज भी हम वही l
उदासी क ऊंचा बसर हो गया ll

उड़ते सितम गर धरा पर गिरे l
उड़ानों पे डर का कहर हो गया ll

सुना है कि अब नींद आती नहीं l
दवा का भी कमतर असर हो गया ll

सभी हैं यहां अब तेरे साथ में l
निराशा में आशा क हां हो गया ll

नहीं कोई अब तेरे जैसा यहां l
“सलिल” मान क्या ना तेरा हो गया ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l

365 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
थोड़ा सा मुस्करा दो
थोड़ा सा मुस्करा दो
Satish Srijan
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
बीमार समाज के मसीहा: डॉ अंबेडकर
बीमार समाज के मसीहा: डॉ अंबेडकर
Shekhar Chandra Mitra
*माँ सरस्वती जी*
*माँ सरस्वती जी*
Rituraj shivem verma
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
द्रवित हृदय जो भर जाए तो, नयन सलोना रो देता है
द्रवित हृदय जो भर जाए तो, नयन सलोना रो देता है
Yogini kajol Pathak
मुकद्दर
मुकद्दर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
🥀 #गुरु_चरणों_की_धूल 🥀
🥀 #गुरु_चरणों_की_धूल 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"स्मार्ट विलेज"
Dr. Kishan tandon kranti
खूबसूरत जिंदगी में
खूबसूरत जिंदगी में
Harminder Kaur
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
** सुख और दुख **
** सुख और दुख **
Swami Ganganiya
राह दिखा दो मेरे भगवन
राह दिखा दो मेरे भगवन
Buddha Prakash
2314.पूर्णिका
2314.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
I lose myself in your love,
I lose myself in your love,
Shweta Chanda
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
हर तरफ़ रंज है, आलाम है, तन्हाई है
हर तरफ़ रंज है, आलाम है, तन्हाई है
अरशद रसूल बदायूंनी
आधुनिक समय में धर्म के आधार लेकर
आधुनिक समय में धर्म के आधार लेकर
पूर्वार्थ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
Rj Anand Prajapati
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
कवि दीपक बवेजा
बहुत संभाल कर रखी चीजें
बहुत संभाल कर रखी चीजें
Dheerja Sharma
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
SUNIL kumar
★किसान ★
★किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
■ आज का मुक्तक...
■ आज का मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
मात-पिता केँ
मात-पिता केँ
DrLakshman Jha Parimal
💐Prodigy Love-32💐
💐Prodigy Love-32💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...