Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2020 · 1 min read

तू ही बता ज़िंदगी

तू ही बता ऐ ज़िंदगी,
मैं तुझको अब क्या लिखूँ,
घाव का मरहम लिखूँ या जीत का परचम लिखूँ,
धूप में एक छांव लिख दूं या पुराना गांव लिख दूँ,
धड़कनों की साँस लिख दूँ या सांसो की धड़कन लिखूँ,
तू ही बता ऐ ज़िंदगी,
मैं तुझको अब क्या क्या लिखूँ।
दर्द मेरा छीन ले जो,
मेरी ऐसी दवा हो तुम।
साँस जिससे ले सकूँ मैं,
बहने वाली हवा हो तुम।
रास्तों के काँटों को ,
झेल ले जो खुद ही बढ़कर
मालिक की ऐसी दुआ हो तुम।
तू ही बता ऐ ज़िंदगी
मैं तुझको अब क्या क्या लिखूँ।
मेरे दर्दों को जो अपना दर्द समझे इस जहाँ में।
खुदा के अनमोल तोहफे को बता मैं क्या क्या लिखूँ।
तू ही बता ऐ ज़िंदगी
मैं तुझको अब क्या क्या लिखूँ।
तू ही बता ऐ ज़िंदगी,
मैं तुझको अब क्या क्या लिखूँ।।

Language: Hindi
5 Likes · 8 Comments · 393 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"तकरार"
Dr. Kishan tandon kranti
■ आज ऐतिहासिक दिन
■ आज ऐतिहासिक दिन
*Author प्रणय प्रभात*
हरदा अग्नि कांड
हरदा अग्नि कांड
GOVIND UIKEY
रोगों से है यदि  मानव तुमको बचना।
रोगों से है यदि मानव तुमको बचना।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
// कामयाबी के चार सूत्र //
// कामयाबी के चार सूत्र //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शुद्ध
शुद्ध
Dr.Priya Soni Khare
गुमनाम रहने दो मुझे।
गुमनाम रहने दो मुझे।
Satish Srijan
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
Sunil Suman
सरयू
सरयू
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"आशा" की कुण्डलियाँ"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
डबूले वाली चाय
डबूले वाली चाय
Shyam Sundar Subramanian
Mannato ka silsila , abhi jari hai, ruka nahi
Mannato ka silsila , abhi jari hai, ruka nahi
Sakshi Tripathi
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
Dr MusafiR BaithA
चार दिनों की जिंदगी है, यूँ हीं गुज़र के रह जानी है...!!
चार दिनों की जिंदगी है, यूँ हीं गुज़र के रह जानी है...!!
Ravi Betulwala
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आज के समय में शादियों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
आज के समय में शादियों की बदलती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
पूर्वार्थ
रमेशराज के दो लोकगीत –
रमेशराज के दो लोकगीत –
कवि रमेशराज
*बहकाए हैं बिना-पढ़े जो, उनको क्या समझाओगे (हिंदी गजल/गीतिक
*बहकाए हैं बिना-पढ़े जो, उनको क्या समझाओगे (हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
2676.*पूर्णिका*
2676.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-336💐
💐प्रेम कौतुक-336💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
राहों में
राहों में
हिमांशु Kulshrestha
Loading...