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24 Sep 2017 · 1 min read

तू तो कठपुतली है उसका………

लाख कर ले चालाकी, तू उससे बच न पायेगा।
समझा नहीं है रब को, तू उससे क्या छिपायेगा।
हजारो मिल गए ख़ाक में, जो खुद को शेर समझते थे।
तू तो कठपुतली है उसका तू क्या नाच दिखायेगा।।

चाहे अर्जी दे या न दे, कुछ बोल या खामोश रह।
बता य ना बता, छिपा सके तू जितना छिपा।
रब से बच न पायेगा, वो तुझको धता बताएगा।
एक इशारे पर उसके, तेरा सारा सच सामने आ जायेगा।।

तू तो कठपुतली है उसका…….

मैं मैं के मदहोश, में रात दिन तू डूबता है।
दुसरो की बुराइयो से, पुरे ज़माने को सींचता है।
तेरा वजूद क्या है? ये तो रब ही बताएगा।
डाल ले बुराइयो में पर्दा उससे बच न पायेगा।।

तू तो कठपुतली है उसका…….

है तेरा अस्तित्व क्या, हे तो रब ही जानता।
सच्चाई के अलावा,वो और कुछ न मांगता।
जिंदगी गुजार दी तूने, अफवाहों के बाजार गर्म करने में।
अब तो हिसाब का समय है तू क्या मुह दिखायेगा।।

तू तो कठपुतली है उसका………

Language: Hindi
342 Views
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