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27 Feb 2021 · 1 min read

तुम समझों,

खाॅमौश रहों दिल के अंदर,
दिल में दर्द सा छुपा हैं,।

जिनकों चाहत थी हमसें,
फिर क्यूं न उनकी बात को सुना हैं,।

कहतों में भी देता अपनी बात को,
मगर मुझे अभी तक नहीं समझा हैं,।

मैं तो समझा प्यार दिया,‌
झुंड बनाकर मुझे घेर लिया,।

लाचारी और बेवसी दिखाई,
मैंने ज़िद को छोड़ दिया,।

वो हमें देख समझ बैठे ,
कि मैंने हॅंसना छोड़ दिया,।

Writer– Jayvind Singh Ngariya Ji

Language: Hindi
1 Like · 317 Views
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