Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2021 · 2 min read

तुम संग

मैं जैसे…
रख देती हूं
फिर से उठाकर
तुम्हारे अनमोल अहसास
अतीत की दहलीज पर,
मैंने देखा है..
तुम में स्ययं को
तुम्हारी आंखों मे स्ययं का विलय
आंसुओ से सींचती अपने को
कुछ तस्वीरे भी बया करती है
मैने देखा हैं..
तुम्हारी हंसी में अपनी
हंसी को मिलाकर उस क्षण
जीवन प्रेम-क्षणिकाऐं,उभरती हुई
और उगती सी विरह वेदना
मैंने देखा है..
होठों पर मधुमास सी मुस्कान,
मैं उसमे अपने को मुस्काती सी
देखने का प्रयास मात्र करती
उसमे ही खुशी की अनुभूति स्पर्श करती
मैने देखा है..
तुम्हे सूरज की गति से चमकते हुए,
तुम में खुद को पाती रही चमक सी बन
अभी बाकी है गहन जैसे प्रेम प्रसंग
फूलों की टहनियों का महकना उन संग
मैने देखा है..
अमलतास सा मिठास लिए वो फलियां
कांटों संग फूल सा बन‌ खिले जाना
ओर महकना कांटो साथ आनंदित पल
मैने देखा है..
अब भी व्याप्त है तुम में अपना पन
तुम्हारे पास होने सा प्रतीत हुआ,
सच में चांद‌ ज़मीं पर आया सा लगता
सच मे आ ही गया है वही प्रेम का पल
मैने देखा है..
शेष है तुम्हारा मधुर हो जाना
शेष है मेरा तुम में सिमट जाना
एक पूर्ण मास के समान हो जाना,ओर
तारीखों का जल्दी घट जाना कलैंडर से
मैने देखा है..
तुम्हे आकाश से ऊंचा बने देखना और फिर
मैं भी भरना चाहती हूं ऊंची उड़ान
तुम्हारे पास आ जाने के लिए,
तुम्हे पास से छूने के लिए,सुखद अहसास के लिए
मैने देखा है..
पर जब-जब भी तुम पास होते हो
इस तरह हो जाते हो मुझ में विलीन से
सांसों में बस जाते हो महक से मलय पवन से
तुम्हारी खुशबू में मैं पल पल
महकती रहना चाहती हूँ तुम संग

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 416 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
नहीं हूं...
नहीं हूं...
Srishty Bansal
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#क़तआ / #मुक्तक
#क़तआ / #मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
💐 Prodigy Love-29💐
💐 Prodigy Love-29💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
मैं नही चाहती किसी के जैसे बनना
ruby kumari
तुम लौट आओ ना
तुम लौट आओ ना
Anju ( Ojhal )
सविता की बहती किरणें...
सविता की बहती किरणें...
Santosh Soni
!! वो बचपन !!
!! वो बचपन !!
Akash Yadav
23/209. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/209. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जन्म दिन
जन्म दिन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रुई-रुई से धागा बना
रुई-रुई से धागा बना
TARAN VERMA
सुस्ता लीजिये थोड़ा
सुस्ता लीजिये थोड़ा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कभी कभी ये पलकें भी
कभी कभी ये पलकें भी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
नवरात्रि-गीत /
नवरात्रि-गीत /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Unlocking the Potential of the LK99 Superconductor: Investigating its Zero Resistance and Breakthrough Application Advantages
Unlocking the Potential of the LK99 Superconductor: Investigating its Zero Resistance and Breakthrough Application Advantages
Shyam Sundar Subramanian
मां - स्नेहपुष्प
मां - स्नेहपुष्प
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
रण
रण
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जो किसी से
जो किसी से
Dr fauzia Naseem shad
खुद की तलाश
खुद की तलाश
Madhavi Srivastava
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
कोतवाली
कोतवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्यार ना होते हुए भी प्यार हो ही जाता हैं
प्यार ना होते हुए भी प्यार हो ही जाता हैं
Jitendra Chhonkar
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत  माँगे ।
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत माँगे ।
Neelam Sharma
जाड़ा
जाड़ा
नूरफातिमा खातून नूरी
आलोचक-गुर्गा नेक्सस वंदना / मुसाफ़िर बैठा
आलोचक-गुर्गा नेक्सस वंदना / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
****प्राणप्रिया****
****प्राणप्रिया****
Awadhesh Kumar Singh
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
शेखर सिंह
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
Vishal babu (vishu)
जब -जब धड़कन को मिली,
जब -जब धड़कन को मिली,
sushil sarna
Loading...