Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2020 · 1 min read

तुम वसंत

तुम वसंत मेरे बन आये, फिर सूखी बगिया में फूल खिलाए।
तुम बिन था जीवन पतझड़, दिल की कली भी थे मुरझाए।।
चाह न बाकी, राह न बाकी, नीरस सा हुआ जीवन बोझिल।
पर तुम हरियाली उपवन में लाए, मुझको प्रीत के रंग लगाए।।

अब आये हो तो वादा करना, बन नेह सुधा का वर्षा करना।
अपने मन्द हँसी के पवन वेग से, मुझको सदा शीतल करना।।
झंकार नूपुर सी तेरी बोली, मुझे भंवरो की गुंजन सी लगती।
इस प्रेममयी शहद सी धुन, अमृत रस कानों में घोला करना।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित ३०/०१/२०२०)

Language: Hindi
1 Like · 325 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
कोई खुशबू
कोई खुशबू
Surinder blackpen
अंधे रेवड़ी बांटने में लगे
अंधे रेवड़ी बांटने में लगे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"हश्र भयानक हो सकता है,
*Author प्रणय प्रभात*
सबके हाथ में तराजू है ।
सबके हाथ में तराजू है ।
Ashwini sharma
इश्क अमीरों का!
इश्क अमीरों का!
Sanjay ' शून्य'
Navratri
Navratri
Sidhartha Mishra
एक अदद इंसान हूं
एक अदद इंसान हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
जिस घर में---
जिस घर में---
लक्ष्मी सिंह
सूने सूने से लगते हैं
सूने सूने से लगते हैं
Er. Sanjay Shrivastava
नए दौर का भारत
नए दौर का भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3095.*पूर्णिका*
3095.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर एक चोट को दिल में संभाल रखा है ।
हर एक चोट को दिल में संभाल रखा है ।
Phool gufran
"जी लो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
परिंदा हूं आसमां का
परिंदा हूं आसमां का
Praveen Sain
तेरे बिन
तेरे बिन
Kamal Deependra Singh
कलरव करते भोर में,
कलरव करते भोर में,
sushil sarna
*सुभान शाह मियॉं की मजार का यात्रा वृत्तांत (दिनांक 9 मार्च
*सुभान शाह मियॉं की मजार का यात्रा वृत्तांत (दिनांक 9 मार्च
Ravi Prakash
सुकरात के मुरीद
सुकरात के मुरीद
Shekhar Chandra Mitra
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर....
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr Shweta sood
मैं कुछ इस तरह
मैं कुछ इस तरह
Dr Manju Saini
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
जब 'बुद्ध' कोई नहीं बनता।
Buddha Prakash
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
Rashmi Ranjan
रक्तदान
रक्तदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...