Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2020 · 1 min read

तुम न होओगे दुनिया चलती रहेगी/Brijpal Singh

तुम दौड़ रहे हो भागे जा रहे हो पागलो की तरह, तुमने दोस्त खोए तुमने प्रेम खोया रिश्तों में दरार पड़ गयी बस इस ज़िन्दगी की रेस में, तुम दौड़ रहे हो मरने के लिए क्योंकि ज़िन्दगी का वही शास्वत सत्य है मृत्यु, और मृत्यु सभी को आनी है, किसी को बीस की उम्र में किसी को चालीस तो किसी को साठ, तुम इतिहास की ओर झांको तुम देख पाओगे कि दुनिया के बडे-से-बडे पैसे वाले आदमी भी मर गये, बचे हुवे जो भी हैं वो भी मर जायेंगे, इसका मकां उसका घर इसका ये उसका वो ये सब कुछ नहीं सब धरा का है धरा का ही रह जायेगा, तुम न होओगे दुनिया चलती रहेगी, लोग हँसते गाते रहेंगे, यहाँ तक तुम्हारे अपने भी जिन्हें तुमने बहुत माना वे भी; इसीलिए कहता हूँ प्रेम में रहो प्रेम से जियो कहने का अर्थ यही है तुम आज में जियो बस आज का ही दिन है कल तो जैसे है ही नहीं और फिर कल देखा ही किसने।

✍️Brijpal Singh, देहरादून उत्तराखंड

Language: Hindi
Tag: लेख
5 Likes · 359 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
DrLakshman Jha Parimal
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
गुप्तरत्न
हालात ए वक्त से
हालात ए वक्त से
Dr fauzia Naseem shad
देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा
Mukesh Kumar Sonkar
मैं बेटी हूँ
मैं बेटी हूँ
लक्ष्मी सिंह
2583.पूर्णिका
2583.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सदा सदाबहार हिंदी
सदा सदाबहार हिंदी
goutam shaw
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
Paras Nath Jha
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
जगदीश शर्मा सहज
निष्ठुर संवेदना
निष्ठुर संवेदना
Alok Saxena
दीवाली की रात आयी
दीवाली की रात आयी
Sarfaraz Ahmed Aasee
खेल जगत का सूर्य
खेल जगत का सूर्य
आकाश महेशपुरी
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
Pramila sultan
आज की जरूरत~
आज की जरूरत~
दिनेश एल० "जैहिंद"
"अमरूद की महिमा..."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"बँटवारा"
Dr. Kishan tandon kranti
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
Ajay Kumar Vimal
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
*जोड़कर जितना रखोगे, सब धरा रह जाएगा (हिंदी गजल))*
*जोड़कर जितना रखोगे, सब धरा रह जाएगा (हिंदी गजल))*
Ravi Prakash
मूहूर्त
मूहूर्त
Neeraj Agarwal
"गुमनाम जिन्दगी ”
Pushpraj Anant
If I were the ocean,
If I were the ocean,
पूर्वार्थ
चांद सी चंचल चेहरा 🙏
चांद सी चंचल चेहरा 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
Shravan singh
मेरे खतों को अगर,तुम भी पढ़ लेते
मेरे खतों को अगर,तुम भी पढ़ लेते
gurudeenverma198
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
Neelam Sharma
दोहा छंद विधान
दोहा छंद विधान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मन का आंगन
मन का आंगन
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
Loading...