Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Dec 2017 · 1 min read

तुम्हारी चाहत !

उनको मिलने की चाहत थी,
चाहत, चाहत रह गयी बन कर।
निहारते थे दूर से ही उनको,
चली गयी किसी और की बनकर।
रह गयी दिल टूटने की आवाज भी
उनकी शहनाई की आवाज में दबकर।
अब तो बस में हूँ और मेरी तन्हाई है,
कैसे मैं समझाऊ इस दिल को रहबर।
लिखने का शौक पाल लिया है यारो,
गम गलत करता हूँ कागज पर लिखकर।

मुकेश गोयल ‘किलोईया’

Language: Hindi
436 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हमें सूरज की तरह चमकना है, सब लोगों के दिलों में रहना है,
हमें सूरज की तरह चमकना है, सब लोगों के दिलों में रहना है,
DrLakshman Jha Parimal
पहला सुख निरोगी काया
पहला सुख निरोगी काया
जगदीश लववंशी
सच तो रंग होते हैं।
सच तो रंग होते हैं।
Neeraj Agarwal
2544.पूर्णिका
2544.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Know your place in people's lives and act accordingly.
Know your place in people's lives and act accordingly.
पूर्वार्थ
खुशनसीब
खुशनसीब
Naushaba Suriya
💐अज्ञात के प्रति-79💐
💐अज्ञात के प्रति-79💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रिश्ते
रिश्ते
Mamta Rani
तुमसे कितना प्यार है
तुमसे कितना प्यार है
gurudeenverma198
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sakshi Tripathi
"मनुष्य"
Dr. Kishan tandon kranti
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा"
Vijay kumar Pandey
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Let your thoughts
Let your thoughts
Dhriti Mishra
हादसें ज़िंदगी का हिस्सा हैं
हादसें ज़िंदगी का हिस्सा हैं
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Bhupendra Rawat
संघर्षशीलता की दरकार है।
संघर्षशीलता की दरकार है।
Manisha Manjari
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
Anis Shah
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
नेताम आर सी
तुम मत खुरेचना प्यार में ,पत्थरों और वृक्षों के सीने
तुम मत खुरेचना प्यार में ,पत्थरों और वृक्षों के सीने
श्याम सिंह बिष्ट
..सुप्रभात
..सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
जानते वो भी हैं...!!
जानते वो भी हैं...!!
Kanchan Khanna
रह जाता सब कुछ धरा ,मरने के फिर बाद(कुंडलिया)*
रह जाता सब कुछ धरा ,मरने के फिर बाद(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चम-चम चमके चाँदनी
चम-चम चमके चाँदनी
Vedha Singh
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
#दोहा (आस्था)
#दोहा (आस्था)
*Author प्रणय प्रभात*
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
Priya princess panwar
Loading...