Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2020 · 1 min read

तुम्हारा यू हर बार चले जाना

तुम्हरा बिना बोले चले जाना । ना कोई खबर ,ना कोई चिट्ठी , ओर बरसो बाद तुम्हरा इस तरह मेरे घर की दहलीज पर इस तरह आना ये कोई इत्तेफाक तो नहीं होगा ।
शायद ये इतिफाक ही था । वरना
सालो की दोस्ती ओर दोस्ती के बाद का प्यार इतने आसानी से टूटने वाला तो नहीं था । ख़ैर जो भी हो तुम बेखबर थी , शुरू से ही मेरी खबर तुम्हे थी ही नहीं ।ओर में बेखबर तुम्हरा इंतजार करता रहा । ओर तुमने वो इंतजार पूरा किया । मुझे याद था तुम बिना बोले जब भी गई हो लोट कर जरूर आयी हो ये तुम्हरी आदत थी , ओर तुम्हे पता है तुम्हरे चले जाने के बाद एक दिन मा कई दिनों से तुम्हरे बारे में पूछती रही । ओर में बात टालता रहा क्या कहता मुझे ही की कुछ खबर नहीं थी बस जाते जाते इतना ही बोला था जल्द ही मिलती हूं ।, उसने मेरी बात बीच में काटते हुए पूछा कहा है मा , दिखाई नहीं दे रही , ओर वो घर के बगीचे से लेकर सारे कमरों में आवाज लगती हुई चली गई , ओर में वही बैठे आंखो के पानी को रोके बैठा रहा । ओर वो आई ओर बोली दक्ष कहा है मा , मैने पास रखे संदूक से मां के दिए हुए कंगन निकल कर उसके हाथो में थमा दिए , ओर कहा बस ये दे गई वो जाते जाते

Language: Hindi
1 Like · 596 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
"धोखा"
Dr. Kishan tandon kranti
सब स्वीकार है
सब स्वीकार है
Saraswati Bajpai
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
गहरा है रिश्ता
गहरा है रिश्ता
Surinder blackpen
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
Harminder Kaur
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
*Author प्रणय प्रभात*
*शंकर जी (बाल कविता)*
*शंकर जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ज़रा-सी बात चुभ जाये,  तो नाते टूट जाते हैं
ज़रा-सी बात चुभ जाये, तो नाते टूट जाते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आँख मिचौली जिंदगी,
आँख मिचौली जिंदगी,
sushil sarna
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
2675.*पूर्णिका*
2675.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोस्ती का कर्ज
दोस्ती का कर्ज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*दादी चली गई*
*दादी चली गई*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कागज के फूल
कागज के फूल
डा गजैसिह कर्दम
एक खूबसूरत पिंजरे जैसा था ,
एक खूबसूरत पिंजरे जैसा था ,
लक्ष्मी सिंह
"मन मेँ थोड़ा, गाँव लिए चल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
পৃথিবীর সবচেয়ে সুন্দর মেয়েদের
পৃথিবীর সবচেয়ে সুন্দর মেয়েদের
Sakhawat Jisan
तुम अगर कांटे बोओऐ
तुम अगर कांटे बोओऐ
shabina. Naaz
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
Pooja Singh
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* नाम रुकने का नहीं *
* नाम रुकने का नहीं *
surenderpal vaidya
नफ़रत के सौदागर
नफ़रत के सौदागर
Shekhar Chandra Mitra
दूर रहकर तो मैं भी किसी का हो जाऊं
दूर रहकर तो मैं भी किसी का हो जाऊं
डॉ. दीपक मेवाती
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
Atul "Krishn"
तुम ढाल हो मेरी
तुम ढाल हो मेरी
गुप्तरत्न
बुध्द गीत
बुध्द गीत
Buddha Prakash
बेकसूर तुम हो
बेकसूर तुम हो
SUNIL kumar
Loading...