तुमसे मिलने आयेंगे, पर किसी बहाने से
तुमसे मिलने आयेंगे, पर किसी बहाने से
अब नहीं डरेंगे हम, देखना जमाने से
तुम पुलिस बुला लेना ,चाहें कितनी थाने से
रोक पर न पाओगे, हम को दिल चुराने से
यूँ तो अपने जीवन में, रहता है सदा पतझड़
छा बहार जाती है, आपके आ जाने से
पेड़ गर लगाओगे, आस पास इनके तुम
ये धुँआ पी जाएंगे, निकला कारखाने से
बात मान मत लेना, आँख मूंद कर अपनी
खोज पूरी होती है, तथ्य आजमाने से
है नज़र बहुत पैनी, देख लो जमाने की
प्यार छुप नहीं सकता, है कभी छुपाने से
देखते नही इसमें, जो कभी भी अपने को
पीछे वो नहीं रहते ,आइना दिखाने से
छोड़ दो ये आडंबर ,और सब दिखावा तुम
‘अर्चना’तो होती है, अपना मन सजाने से
डॉ अर्चना गुप्ता
19-07-2017