तीसरी लहर
क्या कम थी दो लहर
जो आनी है तीसरी लहर
क्या कम विनाश हुआ है
जो आनी है तीसरी लहर
रोजगार छिने गरीब जनता के
मस्त बस सरकारी अमला के
डाक्टर भी बन गये लुटेरे
इसलिये लहरे आती रहेगी
लूट खसोट मक्कारी चरम पर
अंगों की कालाबाजारी चरम पर
जुखाम , बुखार खांसी दे मौसम
जिसे पास पेन्डामिक का दे नाम
हे भगवान फुल स्टाप लगाओ
निर्धन को दर्द से अब तो उबारो
शिक्षा हो गयी है बिल्कुल शून्य
भविष्य हो जायेगा अब शून्य