तालिबान की वापसी
मासूमियत चढ़ती सूली
इंसानियत रोती है!
जब भी कहीं मज़हब की
ताजपोशी होती है!!
ऐसे ज़ुल्मत के हर दौर में
एक शायर की कलम
अपनी बेबाकी के कारण
सरफ़रोशी होती है!
Shekhar Chandra Mitra
#freedomofspeech
#TalibanReturns
#दानिशसिद्दिकी