Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2021 · 2 min read

तारीफ

दरसल तारीफ शब्द अपने आप में दो अर्थी शब्द हैं और हम जानते हैं कि आप जानते होंगे कि तारीफ क्या है। पर फिर भी मैं आज जो बताने जा रहा हूं वह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह हकीकत है। जिससे सबलोग वाकिफ है फिर ही अनजान बनते हैं।

पहला तारीफ यह है कि लोग आपकी मजबूरी में तारीफ करते हैं इसलिए क्योंकि आपको अपने बारे में अच्छे कहलाने के अलावा कुछ सुनना पसंद नहीं करते हैं और लोगों को मजबूरी में यह तारीफ इसलिए करना पड़ता है क्योंकि वे लोग जानते हैं, आप यहां के बाहुबली है और कहीं गलती से भी हकीकत के बारे में कह दी और वह बात कोई आपसे कह दी तो आपको वह शिकायत लगेगा। जो आप सुनना पसंद नहीं करते हैं। जिससे उस व्यक्ति कि मुश्किलें बढ़ जाती है। इसलिए कुछ लोगों की मजबूरी में तारीफ करने पड़ते हैं।

दूसरी तारीफ यह है कि भले ही कितनाहूं आप बुरे है फिर भी आपकी कुछ लोग तारीफ करते हुए मिल जाएंगे। वह इसलिए क्योंकि आपसे उनकी जरुरते पूरी होती है या जरूरते पड़ी रहती है। जिससे वह आपकी तारीफ करके अपने जरुरते पूरी कर लेंगे। जिसे चापलूसी भी कहते है। फिर आपके पीठ पीछे आपकी जो हकीकते होंगी वह दूसरे लोगों से कहते नहीं थकेंगे। साथ में अशब्द भाषा का भी इस्तमाल करेंगे। जिसके लिए वाकही आप होंगे।

तीसरी तारीफ यह है कि आप वाकही तारीफ के लायक होते हैं। जो लोग आपके सामने तो आपकी तारीफ करते हैं, इसके अलावा आपके पीठ पीछे भी तारीफ करते हैं। जो कई कोसो दूर-दूर तक आपकी इसी तारीफ से आपकी काबिलियत की पहचान होती है। दरसल वास्तविक तारीफ यही होती है।

लेखक – जय लगन कुमार हैप्पी ⛳

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 2 Comments · 696 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नहीं चाहता मैं यह
नहीं चाहता मैं यह
gurudeenverma198
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
‼ ** सालते जज़्बात ** ‼
‼ ** सालते जज़्बात ** ‼
Dr Manju Saini
समय के खेल में
समय के खेल में
Dr. Mulla Adam Ali
’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA
’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
Radhakishan R. Mundhra
स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है
स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"बताया नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
दुकान वाली बुढ़िया
दुकान वाली बुढ़िया
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
बिटिया और धरती
बिटिया और धरती
Surinder blackpen
प्यार के लिए संघर्ष
प्यार के लिए संघर्ष
Shekhar Chandra Mitra
💐अज्ञात के प्रति-25💐
💐अज्ञात के प्रति-25💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
कवि दीपक बवेजा
तेरा हासिल
तेरा हासिल
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी की पहेली
जिंदगी की पहेली
RAKESH RAKESH
■ इसे भूलना मत...
■ इसे भूलना मत...
*Author प्रणय प्रभात*
'महंगाई की मार'
'महंगाई की मार'
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*हिंदी दिवस मनावन का  मिला नेक ईनाम*
*हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अपने योग्यता पर घमंड होना कुछ हद तक अच्छा है,
अपने योग्यता पर घमंड होना कुछ हद तक अच्छा है,
Aditya Prakash
मम्मी थी इसलिए मैं हूँ...!! मम्मी I Miss U😔
मम्मी थी इसलिए मैं हूँ...!! मम्मी I Miss U😔
Ravi Betulwala
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
Neelam Sharma
कांटा
कांटा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
Rj Anand Prajapati
वो खुशनसीब थे
वो खुशनसीब थे
Dheerja Sharma
आज भगवान का बनाया हुआ
आज भगवान का बनाया हुआ
प्रेमदास वसु सुरेखा
रहते हैं बूढ़े जहाँ ,घर के शिखर-समान(कुंडलिया)
रहते हैं बूढ़े जहाँ ,घर के शिखर-समान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
उनको मत समझाइए
उनको मत समझाइए
राहुल द्विवेदी 'स्मित'
✍️पर्दा-ताक हुवा नहीं✍️
✍️पर्दा-ताक हुवा नहीं✍️
'अशांत' शेखर
Loading...