ताटंक छंद आधारित गीत
(हास्य व्यंग)
#विधा – ताटंक छंद आधारित गीत
#विषय – मन्नत नेता जी की
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मन्नत नेताजी की
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मांग रहा हूँ भोले तुम से, नेता मुझे बना देना।
छप्पन विधि का भोग चढाऊँ,अबकी विजय दिला देना।।
काम धाम हो चाहे जैसा, उस पर ध्यान नहीं देना।
चाहो लड्डू जितना भगवन, उतना मुझसे ले लेना।।
जीत गया तो भगवन तेरा, मंदिर मैं बनवा दूंगा।
ईंटों की मैं बात न करता, पत्थर ही लगवा दूंगा।।
चाहे जो छत्तर सोने की, अबकी विजय दिला देना।
मांग रहा हूँ भोले तुम से, नेता मुझे बना देना।।
मैं जीता नंदी के बदले , मोटर कार दिला दूंगा।
ओ पर्वत पे रहने वाले, महल बड़ा बनवा दूंगा।।
बाघम्बर पहने रहता तू, सिल्की सूट सिला दूंगा।
भस्म रमाने वाले तूझको, डर्मीकूल दिला दूंगा।।
ठाट – बाट से रहना चाहे, भोले जीत दिला देना।
मांग रहा हूँ भोले तुम से, नेता मुझे बना देना।।
भंग धतूरा पीने वाले, दूध की नदी बहा दूंगा।
गले में तक्षक लिपटा रहता, कंचन हार बना दूंगा।।
नृत्य करे तू डमरू लेकर, डीजे पर नचवा दूंगा।
ताण्डव नृत्य दिखाने वाले, डिस्को तुझे दिखा दूंगा।।
डिस्को देखन गर जो चाहे, बाबा जीत दिला देना।
मांग रहा हूँ भोले तुम से, नेता मुझे बना देना।।
भाषण देने में मैं पक्का, जो चाहे मैं बोलूंगा।
जिसका चाहो मुझे बता दो, भेद उसीका खोलूंगा।।
जिसको चाहो नाम बता दो, उसको जेल करा दूंगा।
दुश्मन तेरा जो हो कोई, उससे मेल करा दूंगा।।
जिसका सूपडा साफ तू चाहे, उससे मुझे मिला देना।
मांग रहा हूँ भोले तुम से, नेता मुझे बना देना।।
******* स्वरचित, स्वप्रमाणित
✍️पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार