तवा नदी
देश की जीवन धारा,
नदियों की बहती धारा,
कल कल बहती जाती,
देखो गीत खुशी के गाती,
कालीभीत पहाड़ी से है उदगम,
देख देख प्रवाह भूल जाते गम,
महादेव पर्वत से निकलती,
पचमढ़ी की धरा को छूती,
किनारा जब बढ़ाती फैलाकर,
लगता उमड़कर आया सागर,
मालिनी देनवा और मिलती तुमसे सुखतवा,
खेती की प्यास बुझाकर करती हो सेवा,
सतपुड़ा की तुम हो रानी,
अजब है तुम्हारी कहानी,
टेढ़े मेढे पथ से गुजरती,
होशंगाबाद में हो बहती,
म.प्र. का लंबा पुल सबसे,
किनारे जोड़ खड़े कबसे,
रेत तुम्हारी है सोना,
यह अनमोल खजाना,
172 किमी बहकर आती हो ,
कितना पुण्य सलिल लाती हो,
किनारे तुम्हारे है तवा नगर,
असीम शांति का है शहर,
बांद्राभान में रेवा से होता मिलन,
संगम वो प्यारा जग करता नमन,
।।जेपीएल।।