Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2021 · 1 min read

तलाश

जिन्दगी बेरंग सी है, हुई क्या बात तलाश करो।
खौफ़़ में है सारा जहाँ, क्या हैं हालात तलाश करो।
हवाओं में बिखरी है क्यों बेरुखी,
उडा़ई किसने ये राख तलाश करो।
खिला करते थे गुलाब बागों में हर तरफ़,
मुरझाई क्यों है हर शाख,तलाश करो।
रोशन -रोशन था हर गली- कूचा,
बुझ गया क्यों वो चिराग,तलाश करो।
धुआँ; धुआँ बन गया है हर ख़्वाब,
किसने लगाई है ये आग, तलाश करो।




1 Comment · 193 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
योग
योग
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
।। समीक्षा ।।
।। समीक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
रंग ही रंगमंच के किरदार है
रंग ही रंगमंच के किरदार है
Neeraj Agarwal
अपना प्यारा जालोर जिला
अपना प्यारा जालोर जिला
Shankar N aanjna
सबने हाथ भी छोड़ दिया
सबने हाथ भी छोड़ दिया
Shweta Soni
हिटलर
हिटलर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"खरगोश"
Dr. Kishan tandon kranti
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कुटिल  (कुंडलिया)
कुटिल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
Vijay kumar Pandey
ज्योति मौर्या बनाम आलोक मौर्या प्रकरण…
ज्योति मौर्या बनाम आलोक मौर्या प्रकरण…
Anand Kumar
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
लौट कर वक्त
लौट कर वक्त
Dr fauzia Naseem shad
*
*"मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम"*
Shashi kala vyas
इक झटका सा लगा आज,
इक झटका सा लगा आज,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
एक उलझन में हूं मैं
एक उलझन में हूं मैं
हिमांशु Kulshrestha
💐प्रेम कौतुक-493💐
💐प्रेम कौतुक-493💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बखान सका है कौन
बखान सका है कौन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मित्रता
मित्रता
जगदीश लववंशी
23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
वतन के लिए
वतन के लिए
नूरफातिमा खातून नूरी
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्या कहें?
क्या कहें?
Srishty Bansal
मिस्टर मुंगेरी को
मिस्टर मुंगेरी को
*Author प्रणय प्रभात*
आज के रिश्ते
आज के रिश्ते
पूर्वार्थ
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
नेताम आर सी
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
Vishal babu (vishu)
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पतझड़ के दिन
पतझड़ के दिन
DESH RAJ
Loading...