Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2019 · 1 min read

तन है सबका मिट्टी

तन है सबका मिट्टी।

सृष्टि के निर्माण से खेल रहा आदमी।
अब कहां पाएगा हरा मैदान आदमी।

धूप ही धूप मिलेगी हर जगह, छाँव कहाँ?
कच्ची कलियाँ नोचकर बना हैवान आदमी।

निचोड़ी जा रही धरती आसमान भी,
एक बूंद के लिए होगा परेशान आदमी।

कोमल धरती फट गई एड़ियों की तरह,
कितना करेगा मलहमी आयुर्विज्ञान आदमी।

बहती गंगा में धूले जाएंगे सर से पाँव तलक,
फिर उसी में कैसे करेगा जलपान आदमी।

कहाँ बोयेंगे बीज, कैसे उगाएंगे अनाज,
जब धरती में नही रखेंगे जान आदमी।

यूँ ही कब तक ढहाते रहेंगे संसार को,
तन है सबका मिट्टी जरा इसे पहचान आदमी।

Rishikant Rao Shikhare
19/06/2019

Language: Hindi
217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हो सके तो मुझे भूल जाओ
हो सके तो मुझे भूल जाओ
Shekhar Chandra Mitra
2911.*पूर्णिका*
2911.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
........?
........?
शेखर सिंह
मैं जिंदगी हूं।
मैं जिंदगी हूं।
Taj Mohammad
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
ruby kumari
💐प्रेम कौतुक-437💐
💐प्रेम कौतुक-437💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
कई रंग देखे हैं, कई मंजर देखे हैं
कई रंग देखे हैं, कई मंजर देखे हैं
कवि दीपक बवेजा
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
Dr Parveen Thakur
हमको तंहाई का
हमको तंहाई का
Dr fauzia Naseem shad
जय जय दुर्गा माता
जय जय दुर्गा माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
আগামীকালের স্ত্রী
আগামীকালের স্ত্রী
Otteri Selvakumar
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
Manoj Mahato
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
मुँहतोड़ जवाब मिलेगा
मुँहतोड़ जवाब मिलेगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बदल गए तुम
बदल गए तुम
Kumar Anu Ojha
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
यदि केवल बातों से वास्ता होता तो
Keshav kishor Kumar
दिव्य दृष्टि बाधित
दिव्य दृष्टि बाधित
Neeraj Agarwal
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
Ravi Prakash
इक क़तरा की आस है
इक क़तरा की आस है
kumar Deepak "Mani"
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
Sandeep Pande
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम बिहार छी।
हम बिहार छी।
Acharya Rama Nand Mandal
मानता हूँ हम लड़े थे कभी
मानता हूँ हम लड़े थे कभी
gurudeenverma198
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
प्रियवर
प्रियवर
लक्ष्मी सिंह
Loading...