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10 Apr 2021 · 1 min read

तन्हा घर

घर तन्हाई से भर गया है।
कोई इतना तन्हा कर गया है।

जाते ही तेरे जिंदगी से
कुछ मेरे अंदर मर गया है।

बुझते बुझते वो दीया
अंधेरा कितना कर गया है।

आंसू अब आये तो कैसे
सूख चशमे तर गया है।

करू तुमको कैसे मैं सजदा
छिन मुझसे वो दर गया है।
सुरिंदर कौर

2 Likes · 1 Comment · 229 Views
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