Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2019 · 1 min read

तन्हा कब थी मैं

तन्हा कब थी मैं, साथ तन्हाई तो थी।
खामोशी कब थी,रोती शहनाई तो थी।

डूबने ही नही दिया साँसो के बोझ ने,
समुद्र मे भी वर्ना, ऐसी गहराई तो थी।

जीने के लिये क्यू सहारा ढूंढते हम
ग़म थे,यादें थी ,तेरी बेवफाई तो थी।

सोचती हू कहां भूल आई हू तुम को
कुछ बाते खुद से ,मैने छिपाई तो थी।

उठते देखा था जब जनाजा वफा का
खुशक आँखे मेरी ,डबडबाई तो थी।

एक तेरे न आने से ,रुक गई थी साँसे
इंतजार मे तेरे, पलके बिछाई तो थी।

एक खिजां का मौसम ठहर सा गया है
जिंदगी मे कभी यू,बहार आई तो थी।
Surinder kaur

Language: Hindi
1 Like · 422 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
जब मैं परदेश जाऊं
जब मैं परदेश जाऊं
gurudeenverma198
दोस्ती
दोस्ती
Rajni kapoor
सोदा जब गुरू करते है तब बडे विध्वंस होते है
सोदा जब गुरू करते है तब बडे विध्वंस होते है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
💐प्रेम कौतुक-212💐
💐प्रेम कौतुक-212💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
माता रानी की भेंट
माता रानी की भेंट
umesh mehra
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
*कड़वा बोल न बोलिए, कड़वी कहें न बात【कुंडलिया】*
*कड़वा बोल न बोलिए, कड़वी कहें न बात【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
गुस्सा
गुस्सा
Sûrëkhâ Rãthí
ज़िन्दगी में सभी के कई राज़ हैं ।
ज़िन्दगी में सभी के कई राज़ हैं ।
Arvind trivedi
ज्ञान -दीपक
ज्ञान -दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
2266.
2266.
Dr.Khedu Bharti
कुछ हकीकत कुछ फसाना और कुछ दुश्वारियां।
कुछ हकीकत कुछ फसाना और कुछ दुश्वारियां।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पूर्वार्थ
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
.
.
Amulyaa Ratan
ओ मुसाफिर, जिंदगी से इश्क कर
ओ मुसाफिर, जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
DrLakshman Jha Parimal
" हैं पलाश इठलाये "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
श्याम सिंह बिष्ट
जो ये समझते हैं कि, बेटियां बोझ है कन्धे का
जो ये समझते हैं कि, बेटियां बोझ है कन्धे का
Sandeep Kumar
"अतितॄष्णा न कर्तव्या तॄष्णां नैव परित्यजेत्।
Mukul Koushik
नारी
नारी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हाथ पसारने का दिन ना आए
हाथ पसारने का दिन ना आए
Paras Nath Jha
प्रिंसिपल सर
प्रिंसिपल सर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
Ye sham adhuri lagti hai
Ye sham adhuri lagti hai
Sakshi Tripathi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...