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11 Sep 2018 · 1 min read

तन्हाई

चाह थी आँखों की जो वर्षों पुरानी,
आज उसको खा गई तेरी नादानी ।
हाय! दिल दुहरा नहीं सकती कहानी,
देख अरमा बन गई है आज पानी,
हसीन अरमा लुट गई जब गुंजी शहनाई ने,
गम की अल्फाजें ही लाई बेवफा तन्हाई ने।

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