Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2016 · 1 min read

तन्हाई अब कातिल हो गई है

ये तन्हाई अब कातिल हो गई
कि अब मेरे लिए मुश्किल हो गई है

तुम ख्वाबों में अब आते हो इतने
कि गमगीं दिल की महफ़िल हो गई है

तेरी दुरी की मज़बूरी भारी पड़े हैं
मगर छुट्टी मिलने की हासिल हो गई है

तेरी यादों में मैं टूटा तड़प कर
तेरी यादें भी संगदिल हो गई हैं

खुले आँखें तो अब रहो सामने तुम
बेसब्र आँखें तुम्हारे काबिल हो गई हैं

@आनंद बिहारी

1 Like · 9 Comments · 703 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
निर्णय
निर्णय
Dr fauzia Naseem shad
मेरी सादगी को देखकर सोचता है जमाना
मेरी सादगी को देखकर सोचता है जमाना
कवि दीपक बवेजा
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Er. Sanjay Shrivastava
मार्शल लॉ के सन्नाटे में
मार्शल लॉ के सन्नाटे में
Shekhar Chandra Mitra
मुक्तक7
मुक्तक7
Dr Archana Gupta
अनिल
अनिल "आदर्श "
Anil "Aadarsh"
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
Neelam Sharma
साईं बाबा
साईं बाबा
Sidhartha Mishra
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
Subhash Singhai
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
पूर्वार्थ
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
Umender kumar
एक मशाल जलाओ तो यारों,
एक मशाल जलाओ तो यारों,
नेताम आर सी
शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
Anil chobisa
بدل گیا انسان
بدل گیا انسان
Ahtesham Ahmad
शुक्रिया है  (हिंदी गजल/गीतिका)
शुक्रिया है (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
जरूरत
जरूरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कैसे देखनी है...?!
कैसे देखनी है...?!
Srishty Bansal
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
23/73.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/73.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बरसात
बरसात
Bodhisatva kastooriya
अपना घर
अपना घर
ओंकार मिश्र
■ बड़ा सवाल...
■ बड़ा सवाल...
*Author प्रणय प्रभात*
// दोहा पहेली //
// दोहा पहेली //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चाहे जितनी हो हिमालय की ऊँचाई
चाहे जितनी हो हिमालय की ऊँचाई
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
श्रीराम गाथा
श्रीराम गाथा
मनोज कर्ण
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
Vishvendra arya
"टेंशन को टा-टा"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रणय 10
प्रणय 10
Ankita Patel
Loading...