Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2021 · 1 min read

तथाकथित श्रेष्ठता

तथाकथित श्रेष्ठता

मुंडेर को था घमंड
अपनी श्रेष्ठता पर

देहली पर बड़ी इतराई
बड़ी लफ्फाजी की
बड़ी तानाकशी की
अपनी उच्चता के
मनगढ़ंत दिए प्रमाण

ताउम्र उसी देहली पर
चढ़कर खड़ी रही मुंडेर
जिसको वह
कमतर व नीची
कहती न थकी

एक दिन आया जलजला
चरमरा कर ढह गई मुंडेर
आ कर गीरी
देहली के पास

छू मंत्र हो गई
तथाकथित श्रेष्ठता

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
1 Like · 194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"प्रेमको साथी" (Premko Sathi) "Companion of Love"
Sidhartha Mishra
जय शिव-शंकर
जय शिव-शंकर
Anil Mishra Prahari
*सुना है आजकल हाकिम से, सेटिंग का जमाना है【हिंदी गजल/गीतिका】
*सुना है आजकल हाकिम से, सेटिंग का जमाना है【हिंदी गजल/गीतिका】
Ravi Prakash
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Anil chobisa
"सोज़-ए-क़ल्ब"- ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
3253.*पूर्णिका*
3253.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आईना देख
आईना देख
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
दिल की बात,
दिल की बात,
Pooja srijan
गलतियां
गलतियां
Dr Parveen Thakur
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
Shashi kala vyas
_सुविचार_
_सुविचार_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
कवि दीपक बवेजा
जीयो
जीयो
Sanjay ' शून्य'
Khamoshi bhi apni juban rakhti h
Khamoshi bhi apni juban rakhti h
Sakshi Tripathi
आ गया मौसम सुहाना
आ गया मौसम सुहाना
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
तीर'गी  तू  बता  रौशनी  कौन है ।
तीर'गी तू बता रौशनी कौन है ।
Neelam Sharma
💐अज्ञात के प्रति-64💐
💐अज्ञात के प्रति-64💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फिर पर्दा क्यूँ है?
फिर पर्दा क्यूँ है?
Pratibha Pandey
दोहा
दोहा
प्रीतम श्रावस्तवी
मेरे हिसाब से सरकार को
मेरे हिसाब से सरकार को
*Author प्रणय प्रभात*
मंगल मूरत
मंगल मूरत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
Jyoti Khari
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
Kanchan Alok Malu
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr Shweta sood
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
Ranjeet kumar patre
सुख दुःख
सुख दुःख
विजय कुमार अग्रवाल
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...