Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2019 · 2 min read

तकनीक का दुरुपयोग गलत

आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसमें तकनीकी सोच के बिना काम हो सके। इस लिहाज से तकनीक का इस्तेमाल जरूरी हो गया है। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि तकनीक के इस्तेमाल का नजरिया सकारात्मक होना चाहिए।

वह वक्त और था जब सोशल मीडिया स्वच्छ विचारों के आदान-प्रदान और दिलों को जोड़ने के काम आता था। इसके उलट आज हालात यह हैं कि यह माध्यम अब एक-दूसरे पर छींटाकशी और बुराइयां फैलाने का प्लेटफार्म साबित हो रहा है। सोशल साइटों पर लोग सांप्रदायिकता को भ्ीा बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहे हैं। अक्सर ऐसे मामलों में आपसी तनाव और कानूनी कार्रवाइयां भी सामने आती रहती हैं। आमतौर पर युवा नेट और मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ मौज-मस्ती के लिए ही कर रहे हैं। यह दायरा सिर्फ निठल्ला चिंतन तक सीमित होकर रह गया है।

ऐसे यूजर्स की संख्या पांच से 10 फीसद ही होगी जो नेट के जरिए अपने जरूरी कामों को अंजाम देते हों। मिसाल के तौर पर ई लेन-देन, अपना या परिवार वालों का मोबाइल रिचार्ज, घर का डिश रीचार्ज, बिजली बिल का भुगतान, बच्चों की फीस, गैस, गृह कर, वाटर बिल भुगतान, रेल-बस टिकट, किफायती खरीदारी या ऐसे ही अन्य काम। इन सारे कामों के लिए हमें प्रोफेशनल के पास जाना पड़ता है। अफसोस तो तब होता है जब वे लोग दूसरों का सहारा लेते हैं जिनके पास हरदम इंटरनेट युक्त मोबाइल और लैपटाप रहता है।

इंटरनेट का इस्तेमाल बुरी बात नहीं है लेकिन बेवजह अपनी ऊर्जा को नष्ट करना गलत है। नेट का इस्तेमाल सकारात्मक हो तो ज्यादा बेहतर है। अभी तो यह शुरुआत भर है, आने वाले दिनों में यह समस्या और भी भयंकर रूप धारण कर लेगी। अभी 35 या उससे ज्यादा उम्र वाले तो पुरानी दकियानूसी परंपराओं को निभा रहे हैं, यानी इंटरनेट से दूर हैं। इससे नीचे उम्र वालों पर तो मानो पूरी तरह से अलगवाद और बाजारवाद हावी होता जा रहा है। इस विषय पर बुद्धिजीवी वर्ग को चिंतन-मनन की जरूरत है।

© अरशद रसूल

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 2 Comments · 489 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
gurudeenverma198
2664.*पूर्णिका*
2664.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रंगरेज कहां है
रंगरेज कहां है
Shiva Awasthi
मेरी ख़्वाहिश वफ़ा सुन ले,
मेरी ख़्वाहिश वफ़ा सुन ले,
अनिल अहिरवार"अबीर"
किसी से मत कहना
किसी से मत कहना
Shekhar Chandra Mitra
बेतरतीब
बेतरतीब
Dr. Kishan tandon kranti
*ले औषधि संजीवनी, आए रातों-रात (कुछ दोहे)*
*ले औषधि संजीवनी, आए रातों-रात (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
ना बातें करो,ना मुलाकातें करो,
ना बातें करो,ना मुलाकातें करो,
Dr. Man Mohan Krishna
सदा बेड़ा होता गर्क
सदा बेड़ा होता गर्क
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मेरी माँ......
मेरी माँ......
Awadhesh Kumar Singh
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
हरवंश हृदय
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कोई भी रिश्ता
कोई भी रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
एक दिन तो कभी ऐसे हालात हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
पत्नी (दोहावली)
पत्नी (दोहावली)
Subhash Singhai
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
Ranjeet kumar patre
चाँद और इन्सान
चाँद और इन्सान
Kanchan Khanna
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
Dr. Alpana Suhasini
मुझे
मुझे "विक्रम" मत समझो।
*Author प्रणय प्रभात*
जिन्दगी कागज़ की कश्ती।
जिन्दगी कागज़ की कश्ती।
Taj Mohammad
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
आश भरी ऑखें
आश भरी ऑखें
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
किन्नर व्यथा...
किन्नर व्यथा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कभी रहे पूजा योग्य जो,
कभी रहे पूजा योग्य जो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"अबकी जाड़ा कबले जाई "
Rajkumar Bhatt
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
नागिन
नागिन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"Recovery isn’t perfect. it can be thinking you’re healed fo
पूर्वार्थ
Loading...