ढूंढ रहा था खुशियां बाहर
ढूंढ रहा था खुशियां बाहर
इस असार संसार में
पागल मनवा दौड़ रहा था
पढ़कर झूठे प्यार में
कौन है अपना कौन पराया
माया के संसार में
उम्र गुजर गई ढूंढ ना पाया
इस संसार का सार में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ढूंढ रहा था खुशियां बाहर
इस असार संसार में
पागल मनवा दौड़ रहा था
पढ़कर झूठे प्यार में
कौन है अपना कौन पराया
माया के संसार में
उम्र गुजर गई ढूंढ ना पाया
इस संसार का सार में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी