Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2021 · 1 min read

डोल डोल मत डोल —- गीत

छोड़ दे भीड़ के रेले, सुन ओ मानव अलबेले।
खेल समय ने खेले, कहीं छूट न जाए मेले।
डोल डोल मत डोल,तेरा जीवन है अनमोल।।
दूर दूर ही रहना कहना सबसे कहना।
न अकड़ अकड़ कर रहना, ओ भाई मेरी बहना।
खोल जबां को खोल,बोल प्रीत के बोल।
डोल डोल मत डोल,तेरा जीवन है अनमोल।।
भाव ह्रदय में भरना, संयम धीरज धरना।
नहीं किसी से लड़ना ,काम न ऐसा करना।
न उड़ा किसी का मखौल, जबां पे मिश्री घोल।
डोल डोल मत डोल,तेरा जीवन है अनमोल।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
Tag: गीत
5 Likes · 4 Comments · 217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गीत शब्द
गीत शब्द
Suryakant Dwivedi
* तेरी सौग़ात*
* तेरी सौग़ात*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
असोक विजयदसमी
असोक विजयदसमी
Mahender Singh Manu
अपमान
अपमान
Dr Parveen Thakur
तेरा सहारा
तेरा सहारा
Er. Sanjay Shrivastava
पृष्ठों पर बांँध से बांँधी गई नारी सरिता
पृष्ठों पर बांँध से बांँधी गई नारी सरिता
Neelam Sharma
#सच्ची_घटना-
#सच्ची_घटना-
*Author प्रणय प्रभात*
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
फ़ितरत
फ़ितरत
Priti chaudhary
अहोई अष्टमी का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत
Harminder Kaur
शुभ रक्षाबंधन
शुभ रक्षाबंधन
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुप्रथाएं.......एक सच
कुप्रथाएं.......एक सच
Neeraj Agarwal
चल मनवा चलें.....!!
चल मनवा चलें.....!!
Kanchan Khanna
बेशर्मी से रात भर,
बेशर्मी से रात भर,
sushil sarna
रिश्तों में परीवार
रिश्तों में परीवार
Anil chobisa
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
यह हक़ीक़त है
यह हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
ज़िन्दगी में किसी बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए
Paras Nath Jha
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सब समझें पर्व का मर्म
सब समझें पर्व का मर्म
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
gurudeenverma198
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
VEDANTA PATEL
मेरे राम
मेरे राम
Prakash Chandra
मिट गई गर फितरत मेरी, जीवन को तरस जाओगे।
मिट गई गर फितरत मेरी, जीवन को तरस जाओगे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2725.*पूर्णिका*
2725.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भ्रात-बन्धु-स्त्री सभी,
भ्रात-बन्धु-स्त्री सभी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव (गीत)*
*दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव (गीत)*
Ravi Prakash
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
Loading...