Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2017 · 1 min read

” डूबी हूँ , तेरे ख्यालों में ” !!

मुंडेरों से धूप उतरी ,
लहरा गई !
रुख़सार को ठंडी हवा ,
सिहरा गई !
टिकटिकाती घड़ी ठहरी –
उलझे से सवालों में !!

कद घटा दिनों का ,
छोटे हुए !
सिसकती रातें घनेरी ,
सिमटे हुए !
चाँद मद्धम,स्वप्न ठिठुरे –
रोज़ के बवालों में !!

उम्मीदों पर हिमपात ,
जैसे हुआ !
चाहकर यों अनदेखा ,
तुमने किया !
अब रेशमी रिश्ते सहेजूँ –
चाहत के उजालों में !!

Language: Hindi
Tag: गीत
792 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Parents-just an alarm
Parents-just an alarm
Sukoon
।।जन्मदिन की बधाइयाँ ।।
।।जन्मदिन की बधाइयाँ ।।
Shashi kala vyas
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आया तीजो का त्यौहार
आया तीजो का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
Destiny
Destiny
Dhriti Mishra
"गॉंव का समाजशास्त्र"
Dr. Kishan tandon kranti
कान्हा तेरी नगरी
कान्हा तेरी नगरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
Rj Anand Prajapati
ज़िस्म की खुश्बू,
ज़िस्म की खुश्बू,
Bodhisatva kastooriya
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
*चलो खरीदें कोई पुस्तक, फिर उसको पढ़ते हैं (गीत)*
Ravi Prakash
बूझो तो जानें (मुक्तक)
बूझो तो जानें (मुक्तक)
पंकज कुमार कर्ण
साए
साए
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
ख़ान इशरत परवेज़
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
लक्ष्मी सिंह
आब आहीं हमर गीत बनल छी ,रचना केँ श्रृंगार बनल छी, मिठगर बोली
आब आहीं हमर गीत बनल छी ,रचना केँ श्रृंगार बनल छी, मिठगर बोली
DrLakshman Jha Parimal
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
Seema Verma
सदा बेड़ा होता गर्क
सदा बेड़ा होता गर्क
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अहिल्या
अहिल्या
अनूप अम्बर
2980.*पूर्णिका*
2980.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सच तो यह है
सच तो यह है
Dr fauzia Naseem shad
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
झील के ठहरे पानी में,
झील के ठहरे पानी में,
Satish Srijan
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
अंधा इश्क
अंधा इश्क
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
💐प्रेम कौतुक-430💐
💐प्रेम कौतुक-430💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शिक्षा तो पाई मगर, मिले नहीं संस्कार
शिक्षा तो पाई मगर, मिले नहीं संस्कार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
*Author प्रणय प्रभात*
सितारा
सितारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...