ठंड गुलाबी (गीत)
ठंड गुलाबी(गीत)
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सुबह शाम है ठंड गुलाबी
मौसम मन को भाता,
गए पुराने दिन गरमी के
नहीं पसीना आता
नीले- नीले आसमान में
शरद चाँदनी गाती
लगता जैसे देवलोक से
अमृत- वर्षा आती
धूप गुनगुनी अच्छी लगती
नई ऊर्जा पाते,
चिलगोजा अखरोट छीलते
मूँगफली को खाते
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रचयिता :रवि प्रकाश, रामपुर