Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2019 · 1 min read

ट्रान्सफर

मेरी इस कविता पर आपके बहुमूल्य विचारों का स्वागत है –

( ट्रान्सफर )

कभी नहीं हटती है,
रहती है सदा चिपककर
वो लिजलिजी सी हठी छिपकली
कभी इस दीवाल पर,
या छत पर, या उस दीवाल पर.

गिरगिट रहता बगीचे में
या बाहर लॉन की घास पर
हरसिंगार, सुदर्शन, नीम और तुलसी पर
करता रहता है पहलवानी,
बदलता रहता है मेक-अप
दिन-रात.

जब से लिया ये मकान
जमाए बैठा है डेरा
काली बिल्ली का परिवार भी
छत के एक कोठर में.
लाख जतन पर भी
कहीं नहीं जाते,
बजाते रहते हैं कानों में
कर्कश दुदुन्भियाँ
दंश देते ये मच्छर.

न कोई पिंजरा न कैद,
फिर भी उडती नहीं
वो छोटी सी चिडिया
क्योंकि इसी मकान की
एक दीवाल में बने आले में
बसा रखा है उसने भी एक घर.
अभी चिनाई ही चल रही थी,
बाकी था बहुत सारा पलस्तर
पसीने की बूंदों से तराई करता था
और हो गया कहीं और ट्रान्सफर.

छिपकली, गिरगिट,
बिल्ली का परिवार.
चिड़िया और मच्छर,
क्यों नहीं जाते ये कहीं?
क्यों नहीं होता कभी इनका ट्रान्सफर?

(c) @ नील पदम्

Language: Hindi
5 Likes · 306 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
View all
You may also like:
यह तो अब तुम ही जानो
यह तो अब तुम ही जानो
gurudeenverma198
Ram
Ram
Sanjay ' शून्य'
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
वो सब खुश नसीब है
वो सब खुश नसीब है
शिव प्रताप लोधी
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
Dr MusafiR BaithA
अपना गाँव
अपना गाँव
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
एकांत मन
एकांत मन
TARAN VERMA
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
पूर्वार्थ
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
सांता क्लॉज आया गिफ्ट लेकर
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
एतमाद नहीं करते
एतमाद नहीं करते
Dr fauzia Naseem shad
तू रुक ना पायेगा ।
तू रुक ना पायेगा ।
Buddha Prakash
3242.*पूर्णिका*
3242.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शहज़ादी
शहज़ादी
Satish Srijan
छप्पन भोग
छप्पन भोग
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Sunita Singh
धर्म बनाम धर्मान्ध
धर्म बनाम धर्मान्ध
Ramswaroop Dinkar
पोता-पोती बेटे-बहुएँ,आते हैं तो उत्सव है (हिंदी गजल/गीतिका)
पोता-पोती बेटे-बहुएँ,आते हैं तो उत्सव है (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
बारिश
बारिश
Punam Pande
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
सत्य कुमार प्रेमी
সিগারেট নেশা ছিল না
সিগারেট নেশা ছিল না
Sakhawat Jisan
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
चिंतन
चिंतन
ओंकार मिश्र
"बोलती आँखें"
पंकज कुमार कर्ण
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
◆ आज का दोहा।
◆ आज का दोहा।
*Author प्रणय प्रभात*
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
शेखर सिंह
Loading...