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14 Feb 2017 · 1 min read

टोटका छोड़ो, अपना कर्म सुधारो

आज एक कविता के माध्यम से
कुछ कहने का मन कर गया फिर से
न जाने कब सुधरेगी दुनिया, किस
कशमकश में पड गयी है दुनिया

बुरा किसी का चाहने में नहीं लगाती
कुछ पल भी यह बुरी दुनिया
बीच चौराहों पर जाकर तांत्रिको से मिलकर
झड फूंक करवा जाती है दुनिया

डाल का चौराहों पर सिन्दूर , मिष्ठान
और काले कपडे और उट पटांग
बुरा दुसरे का हो जाये, उसी वकत
चाहे चली जाये दूसरे की जान

कभी सोचा है, कि यह करने से पल भर
के लिए बुरा होता है अगर वो बच
गया तो सही है वर्ना , अगले जन्म
तुम को ही भुगतना होता है

कुछ नहीं मिलेगा बुरा करने वालो
अपना घर बर्बाद करोगे यह करने वालो
जीवन का सच यही है बस ध्यान रखना
कर्मो का हिसाब किताब यहीं है ध्यान रखना

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
218 Views
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