“””””टूटे न यह सिलसिले”””””
मंच दिया साहित्य पीडिया ने,
हुनर अपना दिखलाने का।
इंतजार अब शुरू हो चुका,
परिणाम के आने का।।
जीते कोई या हार मिले,
अंजाने भी आपस में,
इस पटल पर खूब मिले।
परिणाम चाहे जो कुछ हो,
हम सभी स्वीकार करेंगे।
मिलाया मंच ने जब हमको,
टूटे न यह सिलसिले।
काव्य धारा हम नित्य बहाएं,
कलम कभी न रुकने पाएं।
“कोराना” से विजय मिलेगी,
इच्छा अनुनय की साहित्य पीडिया से,
अन्य आयोजन भी करते जाएं।।
**सभी को हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं।**
राजेश व्यास अनुनय