जार्ज ठहरे सयोंजक,यह अतिरिक्त है भार ।
अटल जी कि टीम में,हैं बडे बडे मठाधीस,
झुकता नहीं एक दूजे के सम्मुख,इनका शीष,
अटल जी को सालती रहती इसकी टीस,
दो दर्जन दलों से मिलकर बना है ये राजग,
टुट न जाय ये कहीं, है इसलिए एक सयोंजक,
फिर भी मित्रदल अलाप रहे,अपना अपना राग ,
चढ जाता है जनता को तब यह सन्ताप,
तब यह सन्ताप,फिर गिरती दिखे सरकार ,
इनका कुछ बिगडे नहीं,जनता पर मंहगाई कि मार,
हम पर महगांई कि मार,अटल जार्ज से करते, तब इसका इजहार,
जार्ज ठहरे संयोजक, यह अतिरिक्त है भार,
चल पडते रक्षा को,रक्षा मंत्री हरबार,
येरन के तीखे तेवर,चन्द्र बाबू से करें इजहार,
मन्दिर के नाम पर करुणानिधी का इन्कार,
चक्रवात को लेकर,नवीन भैया कि रार,
हरियाणा में भारी पडे,चौटाला का भार,
केशु भाई का उतर रहा गुजरात में ज्वार,
हिन्दु अस्मिता के लिए बाला शाहब का है तकरार,
ममता को तो मना लिया,पर समता में पड गयी दरार,
दलितों का भी है चक्कर,नीतिश पासवान में टक्कर,
एम पी ,में उमा और पटवा का झगडा,
यू पी में,कल्याण और राजनाथ का लफडा,
उत्तराचंल मे विधायक रुठाये,
हिमांचल में धुमल कुम्लाए,
दिल्ली में जगमोहन तडफाये,
राजस्थान कि मृगतृष्णा है,
कर्नाटक में भारी कृष्णा है,
आन्ध्र पर अभी कम नजर है,
चेन्नई पर भी नही् असर है ,
पुर्वोत्तर में दल बदल के नजारे,
बंगाल कि नैया ममता के सहारे,
असम में महन्त से पुछें,
कैसे बोडो और उल्फा से जूझें,
नई शताब्दी काआगमन और बजट का झंजट,
गरीबों कि सोचते हैं तो,अमीरो से खटपट,
वैश्वीकरण का है अलग झमेला,
पूंजी निवेश पर कौन लगाये धेला,
यशवन्त और जशवन्त से नाराज हैं संघी,
,बिपक्ष है बिखरा हुआ,नही कोई डर है,
सोनिया -मुलायम कि अलग ही डगर है,
अटल जी ले के चले हैं भानुमति का पिटारा,
जै श्री राम , आपका ही है सहारा।