Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2021 · 1 min read

झूठे रिश्ते नाते हैं

सब झूठा लगता है अब तो, झूठे रिश्ते नाते हैं।
सब अपने है , मैं अपना हूँ ,ये सब कोरी बातें हैं।
गर मुश्किल जीवन में आये, झटक के निकल जातें है लोग,
जीवन के उच्च शिखर पर पहुँचो तब जाकर अपनाते हैं।
सब झूठा लगता है अब तो, झूठे रिश्ते नाते हैं।
अपना समय जब बेहतर था, तो आव भगत हो जाती थी।
पानी चाय की बात है छोटी ,भोजन की जुगत हो जाती थी।
जो आप के बिन रह सकते नही थे, वे जाने कहाँ चले जातें हैं।
सब झूठा लगता है अब तो, झूठे रिश्ते नाते हैं।
जो हाल चाल लेने को मेरा, बहुत व्यग्र हो जाते थे।
कुशल क्षेम गर ले न पाएं तो , मन ही मन पछताते थे।
समय का बदलना देख लो अब तो ,याद नहीं हम आते हैं।
सब झूठा लगता है अब तो, झूठे रिश्ते नाते हैं।
जो खाने की ईच्छा थी ,वो सबकुछ खाया करते थे।
कोई कष्ट न अपनों को हो जान लुटाया करते थे।
अब ईच्छाएं बस ईच्छाएं हैं ,ये पहलू बड़ा सताते हैं।
सब झूठा लगता है अब तो, झूठे रिश्ते नाते हैं।
-सिद्धार्थ पांडेय

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 499 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बम
बम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राह नीर की छोड़
राह नीर की छोड़
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्यार भरी चांदनी रात
प्यार भरी चांदनी रात
नूरफातिमा खातून नूरी
इश्क खुदा का घर
इश्क खुदा का घर
Surinder blackpen
क़ानून का जनाज़ा तो बेटा
क़ानून का जनाज़ा तो बेटा
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-159💐
💐प्रेम कौतुक-159💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
Lonely is just a word which can't make you so,
Lonely is just a word which can't make you so,
Sukoon
इश्क मुकम्मल करके निकला
इश्क मुकम्मल करके निकला
कवि दीपक बवेजा
रैन  स्वप्न  की  उर्वशी, मौन  प्रणय की प्यास ।
रैन स्वप्न की उर्वशी, मौन प्रणय की प्यास ।
sushil sarna
*वोटर के बड़-भाग (हास्य कुंडलिया)*
*वोटर के बड़-भाग (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
Rj Anand Prajapati
तन्हाईयाँ
तन्हाईयाँ
Shyam Sundar Subramanian
देश के युवा करे पुकार, शिक्षित हो हमारी सरकार
देश के युवा करे पुकार, शिक्षित हो हमारी सरकार
Gouri tiwari
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूर्वार्थ
हिंदी सबसे प्यारा है
हिंदी सबसे प्यारा है
शेख रहमत अली "बस्तवी"
जब-जब मेरी क़लम चलती है
जब-जब मेरी क़लम चलती है
Shekhar Chandra Mitra
नन्हें बच्चे को जब देखा
नन्हें बच्चे को जब देखा
Sushmita Singh
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
Seema Verma
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
2766. *पूर्णिका*
2766. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सम्मान गुरु का कीजिए
सम्मान गुरु का कीजिए
Harminder Kaur
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
क्यों मुश्किलों का
क्यों मुश्किलों का
Dr fauzia Naseem shad
जितना आपके पास उपस्थित हैं
जितना आपके पास उपस्थित हैं
Aarti sirsat
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जीवन में सफलता पाने के लिए तीन गुरु जरूरी हैं:
जीवन में सफलता पाने के लिए तीन गुरु जरूरी हैं:
Sidhartha Mishra
.......... मैं चुप हूं......
.......... मैं चुप हूं......
Naushaba Suriya
Loading...