झगडा,मन्दिर मस्जिद का
आज कल है फिर,यह हल चल,
मस्जिद है बाबरी,या फिर जन बल ।
जन्म राम ने लिया जहाँ,
था बना मन्दिर वहाँ ❓
कौन गवाह है अब यहाँ,
खसरा खतौनी है कहाँ ।
राम तो बसते हैं हर जन में,
हर भारत वासी के मन में।
फिर मन्दिर ➖मस्जिद का झगडा क्यों,
बोटों का यह रगडा क्यों।
मनुष्य हो तो मनुष्यता का काम करो,
मानवता पर स्वयं को न्योछावर कर दो,
दीन दुखियों का जीवन,खुशियों से भर दो।
तब हर भारत वासी,तुम्हे मानवता का सच्चा दूत कहेगा,
मर कर भी नाम तुम्हारा अमर रहेगा ।
दोनो समुदाय के लोगों से अनुरोध है कि अब इसे न्यायालय के निर्णय पर छोड दें,और उस निर्णय को शालीनता के साथ स्वीकार करने का हौसला रखें।सादर अनुरोध है। जयकृष्ण उनियाल