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24 May 2020 · 2 min read

ज्योति!!

यह गजब की ज्योति है,
जिसमें साहस की शक्ति है,
जिसमें भावना की भक्ति है,
जिसमें असहाय पिता की बेबसी से, पार पाने की भी शक्ति है,
यह वही ज्योति है।

आज के दौर में बेबसी से जो हार मान जाते हैं,
उन्हे प्ररेणा प्रदान करने का दर्शन मिले,
इसमें असहाय होकर अपनी नियति मान लेने वाले को,
पुनः अपने में साहस का संचार करने का अवसर मिले,
उसका उसनेे एक साकार रूप प्रदान करने का मार्ग दिखाया,
हार मानकर घर में बैठ जाएं,उस व्यथा का प्रतिकार किया।

यह वही ज्योति है,
जिसने महिला होने पर भी,
निर्भीक होकर दिन-रात चलने को,
अपनी मंजिल ही ठान लिया हो,
और साथ में घायल पिता हो,
को साईकिल पर बिठा कर,
बारह सौ किलोमीटर तक का,
सफर महज सात दिन में पुरा किया हो।

यह वही ज्योति है,
जिसमें साहस के साथ धैर्य का आत्मबल है,
यह वही ज्योति है,
जिसमें विपरीत परिस्थितियों में भी,
उससे जूझने का सामर्थ्य है,
यह वही ज्योति है,
जिसने हताश-निराश को राह दिखाई है।

यह वही ज्योति है,
जिसने अपने परिवार को,
एक सहारे का स्वप्न संजोया है,
यह वही ज्योति है,
जिसमें अनेकों को,
अनुसरण करने की चेतना को,
जो लुप्त ही रहती है,
संकट में भी,कदम उठाने को,
अब पुनर्विचार करने का मार्ग प्रशस्त किया है।

अब यह सिर्फ एक पिता की बेटी तक सीमित नहीं रही,
उस पर गर्व करने को सिर्फ बिहार ही प्रर्याप्त नहीं,
उस पर पुरा देश गर्व करता है,
वह मिशाल कायम कर गयी है,
आज उस ज्योति को नमन करने को मन करता है,
ऐसी बेटी होने पर, आज पिता होने का अभिमान,
करने को मेरा भी तन मन धन अर्पित करता है।।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 260 Views
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