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13 Feb 2017 · 1 min read

ज्ञान /प्रेम

बाँँटे ज्ञान “बृजेश” नित, बन अशोक जयमाल |
कमियों पर चिंतन करे दिव्य पुरुष की चाल ||

आत्मा ही परब्रह्म है गूढ-सु ज्ञान बृजेश |
करम-भोज खा देव बन या फिर दनुज नरेश||

प्रेम , प्रेम है, मोह ना, और नहीं संबंध|
कह “बृजेश नायक” सुजन, प्रेम समत्व सुगंध||

बृजेश कुमार नायक

Language: Hindi
418 Views
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