***जो हंसते हैं, उन्हें हंसने दो***
जो हंसते हैं उन्हें हंसने दो।
कदम चल पड़े सद राहों गर यारों।
कभी न उनको रुकने दो।।
इतिहास गवाह है,
जिन जिन पर हंसा जमाना।
इतिहास उन्हीं ने बनाए हैं।।
हौसले अपने खोने न दो।
जो हंसते हैं उन्हें हंसने दो।।
मानव के स्वभाव निराले।
अपनी धुन के बनो मतवाले।
जलते है यहां जलने वाले।
कहां रुके है चलने वाले।
लक्ष्य को कभी न टलने है।
जो हंसते है उन्हें हंसने दो।।
अनुनय जीवन भी संग्राम है।
बिना विजय कैसा विश्राम है।
परिश्रम ही कमाता नाम है।
मिले सफलता आराम ही आराम है।
अन्तिम सांस तक न खुद को रुकने दो।
जो हंसते है,उन्हें हंसने दो।।
राजेश व्यास अनुनय