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19 Jan 2018 · 1 min read

जो मेरा न हुआ वो किसका होगा

ना उसका होगा ना इसका होगा,जब मेरा न हुआ तो वो किसका होगा।
बीच सफर में मेरे आया वो राही दोस्ती का तार लेकर,
जीवन की डगर में साथ चली मैं उसे बहुत सा प्यार देकर।
वादे भी किये उसने कसमें भी खाई हाथ मे मेरा हाथ लेकर,
एहसान करने लगा मुझ पर बस 2 कदम का साथ देकर।। रिश्ता टूटा तो ये जरूर है वो अपनी राह से खिसका होगा,
ना उसका होगा ना इसका होगा।जब मेरा ना हुआ तो वो किसका होगा।।
जो दिया दर्द उस रिश्ते ने, उसने मुझे जीना सिखाया।
उस बेवजह की ठोकर ने , मुझे हर रिश्ते को सीना सिखाया।
लड़ती गयी मैं हर मुश्किल से, कभी मैने मुँह भी ना छिपाया।
कभी गिरकर तो कभी संभलकर, आखिर मैंने जीकर दिखाया।
नही फर्क पड़ता अब मुझे, चाहे अब वो जिसका होगा।
ना उसका होगा ना इसका होगा, जब​ ​मेरा​ ​ना​ ​हुआ तो​ वो किसका होगा।।
“सुषमा मलिक”

Language: Hindi
6 Likes · 211 Views
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