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3 May 2020 · 1 min read

जैसे को तैसा

शत शत नमन
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कूट कूट कर भुस भर दो,
नापाक निगोड़ों में।
बिना पिटे नहीं आएगी अक्ल,
इन हराम खोरों में।
वर्षों से वे कर रहे छल छइयां,
बहुत हो गईं अब गलबहियां।
न रहो विनोदी अब मोदी,
लतियाओ लगाओ मार इन डंगर ढोरों में।
दिखलादो हिन्दुस्तानी दम खम,
बतलादो नहीं कम हम।
इतना कूटो दर्द रहे दौड़ता उनके पोरों में।
अपनाओ जैसे को तैसा की नीति ,
वह भूल जायेगा करना अनीति।
शहादत का बदला लेने में,
रह न जाये कसर कोरों में।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 359 Views
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