“”जी ले, जी ले ,प्रीत प्यार में””
तेरे मेरे बीच में यारा,ना कोई भी भेद रहे।
कहे कहे तू अपने दिल की,भाव मेरे भी यही रहे।
जी ले जी ले प्रीत प्यार में, क्या रक्खा तकरार में,
छोटी सी है यह जिंदगानी, दूरी बीच में नहीं रहे ।।
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प्रेम पथिक ऐसे बन जाएं, राह हमारी सब अपनाएं।
आने जाने वाले किस्से हमारे ,एक दूजे से कहते रहे ।।
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दुरा भाव का दीप बुझाएं, निर्मल मन में जोत जलाएं।
रोशन होगा जग फिर सारा, विपरीत हवाएं लाख बहे।।
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अनुनय यही प्रीत है ,यही रीत है, जीवन में हम चलते जाएं।
अथक रहेंगे ,पृथक ना होंगे, सबसे हम तो यही कहें ।।
राजेश व्यास अनुनय