Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2017 · 1 min read

जीवन

कैसा है यह जीवन,
कितने है यहाँ बंधन,
उलझे है यहाँ रिश्ते,
सुख चैन नहीं सस्ते,
क्यों बढ़ती है धड़कन,
कितनी है अब अनबन,
पग पग पर है संकट,
हर पहलू बनता विकट,
मन में भरी चंचलता,
तन में है शीतलता,
कब आएगी ख़ुशी की लहर,
बीत चुका बड़ा ही पहर,
फिर भी छाया है कोहरा,
उनसे रिश्ता है बड़ा ही गहरा,
धुंधली यादों में है एक चेहरा,
।।।।जेपीएल।।।।

Language: Hindi
449 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
अंधविश्वास का पोषण
अंधविश्वास का पोषण
Mahender Singh
अपनी पहचान को
अपनी पहचान को
Dr fauzia Naseem shad
चाय के दो प्याले ,
चाय के दो प्याले ,
Shweta Soni
#लघुकथा / #सबक़
#लघुकथा / #सबक़
*Author प्रणय प्रभात*
जनता की कमाई गाढी
जनता की कमाई गाढी
Bodhisatva kastooriya
महफ़िल जो आए
महफ़िल जो आए
हिमांशु Kulshrestha
*तन्हाँ तन्हाँ  मन भटकता है*
*तन्हाँ तन्हाँ मन भटकता है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बात उनकी क्या कहूँ...
बात उनकी क्या कहूँ...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
सुना है सपने सच होते हैं।
सुना है सपने सच होते हैं।
Shyam Pandey
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
पूर्वार्थ
ख्वाहिशों की ना तमन्ना कर
ख्वाहिशों की ना तमन्ना कर
Harminder Kaur
खुशबू चमन की।
खुशबू चमन की।
Taj Mohammad
उनको ही लाजवाब लिक्खा है
उनको ही लाजवाब लिक्खा है
अरशद रसूल बदायूंनी
Peace peace
Peace peace
Poonam Sharma
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
shabina. Naaz
सफर पे निकल गये है उठा कर के बस्ता
सफर पे निकल गये है उठा कर के बस्ता
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
श्यामपट
श्यामपट
Dr. Kishan tandon kranti
खुदकुशी से पहले
खुदकुशी से पहले
Shekhar Chandra Mitra
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – गर्भ और जन्म – 04
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – गर्भ और जन्म – 04
Kirti Aphale
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
Ajad Mandori
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
💐प्रेम कौतुक-274💐
💐प्रेम कौतुक-274💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
..........?
..........?
शेखर सिंह
नहीं जाती तेरी याद
नहीं जाती तेरी याद
gurudeenverma198
ना मानी हार
ना मानी हार
Dr. Meenakshi Sharma
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
हकीकत
हकीकत
अखिलेश 'अखिल'
Loading...