Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2020 · 1 min read

” जीवन “

” जीवन ”

***********************

यायावार खानाबदोश है बंजारा है जीवन
पग क्षण यहां है पग क्षण वहां है अपनापन
अनंतकाल है दिग्दर्शन जिसमें उलझा है जीवन
मुक्त स्वच्छंद है बहती जैसे त्रीपथ-गामिनी पावन।

मां के हृदय से शुरू हुआ वसुधा में है अवसान
रंग – बिरंगे पंखों संग शून्य में है करता उड़ान
घोर अमावश कभी पूर्णिमा समय से है अनजान
मनसा वाचा कर्मणा होती जीवन की है पहचान ।

उदय रश्मि के साथ चले संघर्ष है उसकी जान
खोखले वसूलों संग जीता है हर घर इन्सान
कभी अर्श पर कभी फर्श पर रहता है इन्सान
फिर भी ना जाने क्यूं दंभ भरता है इन्सान।

झूठा जन्म सत्य है मृत्यु अटल है ये गुणगान
टाले से भी ना टले लिखा है जो विधि -विधान
यह तेरा वह मेरा है सोच ऐसा होते है हलकान
गुण के सागर महिमा नागर सबके है भगवान ।

जाति-पाती का वर्ण विचार जिसमें बटे है इन्सान
कुत्सित प्रथा वाह्य आडम्बर जिसमें घिरा है इन्सान
मोह माया के बंधन में फिर भी जकड़ा है इन्सान
कटी पतंग जीवन फिर भी उड़ान भरता है इन्सान।

——— सत्येन्द्र प्रसाद साह (सत्येन्द्र बिहारी)———

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 632 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नया साल लेके आए
नया साल लेके आए
Dr fauzia Naseem shad
आंख खोलो और देख लो
आंख खोलो और देख लो
Shekhar Chandra Mitra
राह कठिन है राम महल की,
राह कठिन है राम महल की,
Satish Srijan
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ हाय राम!!
■ हाय राम!!
*Author प्रणय प्रभात*
इतना आसान होता
इतना आसान होता
हिमांशु Kulshrestha
तपोवन है जीवन
तपोवन है जीवन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
Shyam Pandey
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
कवि रमेशराज
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
Surinder blackpen
" सुर्ख़ गुलाब "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Work hard and be determined
Work hard and be determined
Sakshi Tripathi
मेरा देश भारत🇮🇳
मेरा देश भारत🇮🇳
Dr. Vaishali Verma
मेरी बेटी है, मेरा वारिस।
मेरी बेटी है, मेरा वारिस।
लक्ष्मी सिंह
फेसबुक ग्रूपों से कुछ मन उचट गया है परिमल
फेसबुक ग्रूपों से कुछ मन उचट गया है परिमल
DrLakshman Jha Parimal
हर किसी का कर्ज़ चुकता हो गया
हर किसी का कर्ज़ चुकता हो गया
Shweta Soni
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
हरवंश हृदय
ऐतबार कर बैठा
ऐतबार कर बैठा
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में
दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में
gurudeenverma198
भरोसा जिंद‌गी का क्या, न जाने मौत कब आए (हिंदी गजल/गीतिका)
भरोसा जिंद‌गी का क्या, न जाने मौत कब आए (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
"बेहतर दुनिया के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
नाराज नहीं हूँ मैं   बेसाज नहीं हूँ मैं
नाराज नहीं हूँ मैं बेसाज नहीं हूँ मैं
Priya princess panwar
शिव हैं शोभायमान
शिव हैं शोभायमान
surenderpal vaidya
दोहा पंचक. . . नैन
दोहा पंचक. . . नैन
sushil sarna
सावन में शिव गुणगान
सावन में शिव गुणगान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
औरत की हँसी
औरत की हँसी
Dr MusafiR BaithA
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
नाथ सोनांचली
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...