Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2020 · 1 min read

जीवन

अहसासों के दरिया पर शब्दों का पुल बांधती हूँ
हंसी, प्यार, दर्द, तड़प, व्यंजनों में परोसती हूँ
जोड़ती हूँ विविध आयाम,
ज्यामिति के कोणों सी दुरूह जीवन-शैली को
निर्जीव भाषा शिल्प में ढालने का असफल प्रयास करती हूँ
विचारों के रेले को दूर धकेल
मनचाहा गन्तव्य सुनिश्चित करती हूँ
जबकि भली भांति जानती हूँ कि
इस जीवन-रेल की समय सारिणी
अनन्त काल से अनियमित है
समय घड़ियों में नहीं, मन में बीतता है
कितना भागो, कितना पकड़ो,
कितना भोगो, कितना सोचो
काल दो कदम आगे ही दिखता है
कभी कभी जीवटता दम तोड़ने लगती है
अंधकार में विलीन, अदृश्य परछाइयां डराती हैं,
अनजाने ही मन पर हावी हो उठती हैं
एक कमज़ोर क्षण में विश्वास खोने लगती हूँ
पर तभी दो पंछी गुलदाऊदी के पोधे पर
झूमते नज़र आते हैं, उनके वज़न से
पत्तियां झड़ने, टहनियां चरमराने लगती हैं
पर वो बिना सहमे, चहचहाते हैं,
उन्हें अपलक देखती हूँ,
अहसासों के दरिया से जिजीविषा चुनती हूँ और
अपने पंख पसार लेती हूँ
शब्द ढाल नहीं, पुल नहीं, गीत हैं मेरे
बरबस मन के आँगन में घुँघरू से बज उठते हैं
और मैं फिर से उम्मीदों का दामन थाम लेती हूँ !!

Language: Hindi
5 Likes · 446 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Consistency does not guarantee you you will be successful
Consistency does not guarantee you you will be successful
पूर्वार्थ
मर्चा धान को मिला जीआई टैग
मर्चा धान को मिला जीआई टैग
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
उतार देती हैं
उतार देती हैं
Dr fauzia Naseem shad
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
Keshav kishor Kumar
दुःख हरणी
दुःख हरणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2956.*पूर्णिका*
2956.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
शेखर सिंह
दीवाने खाटू धाम के चले हैं दिल थाम के
दीवाने खाटू धाम के चले हैं दिल थाम के
Khaimsingh Saini
बात न बनती युद्ध से, होता बस संहार।
बात न बनती युद्ध से, होता बस संहार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बितियाँ बात सुण लेना
बितियाँ बात सुण लेना
Anil chobisa
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
Paras Nath Jha
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
दिलरुबा जे रहे
दिलरुबा जे रहे
Shekhar Chandra Mitra
जाते हैं संसार से, जब सब मानव छोड़ (कुंडलिया)
जाते हैं संसार से, जब सब मानव छोड़ (कुंडलिया)
Ravi Prakash
भारत माता की वंदना
भारत माता की वंदना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*बीमारी न छुपाओ*
*बीमारी न छुपाओ*
Dushyant Kumar
लोग चाहे इश्क़ को दें नाम कोई
लोग चाहे इश्क़ को दें नाम कोई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Raksha Bandhan
Raksha Bandhan
Sidhartha Mishra
भूल गई
भूल गई
Pratibha Pandey
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
gurudeenverma198
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
💐प्रेम कौतुक-415💐
💐प्रेम कौतुक-415💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पर्यावरण-संरक्षण
पर्यावरण-संरक्षण
Kanchan Khanna
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...