Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2021 · 1 min read

जीवन साथी

मेरी ज़िन्दगी की डोर हो तुम
मेरी उम्मीदों की भोर हो तुम
जिसके बिना जिदंगी अधूरी
वो प्यारा सा एहसास हो तुम ।।

दिखने में बेहद खूबसूरत हो तुम
मेरी जिंदगी की ज़ीनत हो तुम
मासूम सा चेहरा, प्यारी सी आंखें,
सच्चे दिल की मल्लिका हो तुम ।।

मिलकर मनाते हर एक खुशी हम
भूलकर ना सताते एक दूजे को हम ।।
साथ रहते एक दूजे के हरपल हम
कभी दिल ना दुखाते एक दूजे का हम ।।

बिन तुम्हारे सब सुना सुना लगता है
होते हो घर पर तो अच्छा लगता है
होती है हर बात प्यार से ही अक्सर
तुम्हारा हर अंदाज़ प्यारा लगता है ।।

सुबह शाम हर वक्त मेरा ख्याल रखते हो
मेरी कमियों को यूं नजरंदाज करते हो
जानता हूं की व्यस्त रहते हो दिनभर
फिर भी चेहरे पर मुस्कुराहट रखते हो ।।

दुआ है हम हमेशा यूं ही साथ रहेंगे
हमेशा हाथ एक दूसरे का थामे रहेंगे
नहीं आने देंगे कोई गलतफहमी बीच में
उम्रभर ऐसे ही हमेशा खुशी से रहेंगे ।।

Language: Hindi
10 Likes · 8 Comments · 495 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
manjula chauhan
हिकारत जिल्लत
हिकारत जिल्लत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नीला अम्बर नील सरोवर
नीला अम्बर नील सरोवर
डॉ. शिव लहरी
सुकरात के शागिर्द
सुकरात के शागिर्द
Shekhar Chandra Mitra
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
Neelam Sharma
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
कवि दीपक बवेजा
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
शेखर सिंह
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
'अशांत' शेखर
अछूत का इनार / मुसाफ़िर बैठा
अछूत का इनार / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
Subhash Singhai
सफर या रास्ता
सफर या रास्ता
Manju Singh
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
डॉ.सीमा अग्रवाल
बदलती जिंदगी की राहें
बदलती जिंदगी की राहें
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
2933.*पूर्णिका*
2933.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ वाणी की वन्दना
माँ वाणी की वन्दना
Prakash Chandra
चुल्लू भर पानी में
चुल्लू भर पानी में
Satish Srijan
शेर
शेर
Monika Verma
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
Anil chobisa
*बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार (कुंडलिया)*
*बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
यादों में ज़िंदगी को
यादों में ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
न दिल किसी का दुखाना चाहिए
न दिल किसी का दुखाना चाहिए
नूरफातिमा खातून नूरी
कभी-कभी हम निःशब्द हो जाते हैं
कभी-कभी हम निःशब्द हो जाते हैं
Harminder Kaur
नारी
नारी
नन्दलाल सुथार "राही"
जीवन चक्र
जीवन चक्र
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बदले नहीं है आज भी लड़के
बदले नहीं है आज भी लड़के
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
देश खोखला
देश खोखला
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
तुम रंगदारी से भले ही,
तुम रंगदारी से भले ही,
Dr. Man Mohan Krishna
☝विशेष दिन : अनूठा_उपाय....
☝विशेष दिन : अनूठा_उपाय....
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...