####जीवन — संदेश####
कौन क्या लाया, साथ क्या ले जाएगा।
कुछ दिन में जमाना भूल जाएगा।
कुछ तो ऐसा कर जा तू जमाने में,
आने वाला युग तुझे किताबों में पाएगा।।
अतुलित बुद्धि पाई तूने, ईश्वर का वरदान मिला।
जिसमें हो रुचि तेरी, कर शुरू उस का सिलसिला।
किसी ना किसी रूप में तुझे, जमाना गुन गुनाएगा।।
निराशा छोड़ दे,आशाओं के दीप जला।
जगमग जगमग होगा जीवन ,मिट जाएगी सारी बला।
यो बैठे-बैठे तो तू , कुछ नहीं कर पाएगा।
“अनुनय ” यह जीवन का सार है, करना इस पे विचार है।
कदम चूमेगी मंजिल, गर कर्म ही व्यवहार है।
अपनी जीवन निधि तू , ना कभी व्यर्थ गवाएगा ।।
— राजेश व्यास अनुनय