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28 Mar 2021 · 1 min read

जीवन के साल

कितने कम रह गये जीवन के अब ये साल।
अच्छा ही अच्छा कर,रहे न कोई मलाल।

लहज़ा नरम रहे तेरा,अच्छे हो संस्कार
परवरिश पर तेरी ,उठे न कोई सवाल।

स्त्री का आदर सदा हो,अपनी हो या ग़ैर
सच का सदा साथ दो,मचे न कोई बवाल।

प्यार का रंग बरसा तू,सब लोगन के साथ
होली पर चाहे तू , उड़ा न कोई गुलाल।

रुह की सिलवटें दूर कर,आसां हो जाये जीना
थोड़े दिन जो है बचे,कर तू कोई कमाल।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 453 Views
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