Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2021 · 1 min read

***जीवन की बगिया खिलती रहे***

जीवन की बगिया,खिलती रहे।
चली है दुनियां और चलती रहे।।
मानवता यहां पे पलती रहे।
शत्रुता मन से टलती रहे।।

*हंसी खुशी में जीना भी,
जिंदगी का ढ़ंग है।
सुख दुख दोनों के ही,
अपने अपने रंग है।।
सब रंग में जीना, तान के सीना,
बदलती है किस्मत,बदलती रहे।
**जीवन की बगिया खिलती रहे**।

*फूल के संग में कांटे भी तो,
कुदरत ने ही बांटे है।
कभी सभी का साथ है मिलता,
एकाकी में भी पल अनेकों काटे है।।
न थकना,चलना संभलना,
जिंदगी बनती,संवरती रहे।
**जीवन की बगिया खिलती रहे**।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
3 Likes · 372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
बनना है बेहतर तो सब कुछ झेलना पड़ेगा
बनना है बेहतर तो सब कुछ झेलना पड़ेगा
पूर्वार्थ
जीवन के हर युद्ध को,
जीवन के हर युद्ध को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
फादर्स डे ( Father's Day )
फादर्स डे ( Father's Day )
Atul "Krishn"
पति पत्नी में परस्पर हो प्यार और सम्मान,
पति पत्नी में परस्पर हो प्यार और सम्मान,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ओ जानें ज़ाना !
ओ जानें ज़ाना !
The_dk_poetry
दाता देना बस हमें , निर्मल मन अभिराम (कुंडलिया)
दाता देना बस हमें , निर्मल मन अभिराम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
सुता ये ज्येष्ठ संस्कृत की,अलंकृत भाल पे बिंदी।
Neelam Sharma
मजे की बात है ....
मजे की बात है ....
Rohit yadav
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
नव लेखिका
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
Subhash Singhai
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
कवि दीपक बवेजा
एक विद्यार्थी जब एक लड़की के तरफ आकर्षित हो जाता है बजाय कित
एक विद्यार्थी जब एक लड़की के तरफ आकर्षित हो जाता है बजाय कित
Rj Anand Prajapati
ज़िन्दगी इतना तो
ज़िन्दगी इतना तो
Dr fauzia Naseem shad
कभी कम नहीं हो यह नूर
कभी कम नहीं हो यह नूर
gurudeenverma198
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
कवि रमेशराज
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कौतूहल एवं जिज्ञासा
कौतूहल एवं जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
मैं अशुद्ध बोलता हूं
मैं अशुद्ध बोलता हूं
Keshav kishor Kumar
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
sushil sarna
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Open mic Gorakhpur
Open mic Gorakhpur
Sandeep Albela
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
Surinder blackpen
ख्वाहिशों के समंदर में।
ख्वाहिशों के समंदर में।
Taj Mohammad
"महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै"
MSW Sunil SainiCENA
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को,
pravin sharma
ख्वाब आँखों में सजा कर,
ख्वाब आँखों में सजा कर,
लक्ष्मी सिंह
Loading...