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10 Jun 2021 · 2 min read

जीवन की पाठशाला-1

✒️?जीवन की पाठशाला ??️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में आई हुई समस्याओं -तकलीफों -परेशानियों के अमूमन तीन हल होते हैं -पहला या तो हम इनको स्वीकार कर लें और मानसिक अवसाद के शिकार हो जाएं -या हम इन्हें हर कीमत पर बदलने का प्रयास करें -और उस प्रयास में भी सफल ना हो रहे हों तो अपने आपको पूर्णतया उस परमपिता के चरणों में समर्पित कर दें …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कई बार हम गलत नहीं होते परन्तु फिर भी अपने आप को सही साबित करना हमारे लिए बहुत मुश्किल हो जाता है क्यूंकि ना तो वक़्त हमारे अनुकूल होता है -ना हालात और ना शब्द …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कितना बदल गया है वक़्त जहाँ कल ड्राइंग रूम में बड़े बुजुर्गों (दादी -दादा -माता -पिता )की तस्वीरें ,ईश्वर के कैलेंडर लगे होते थे वहां आज मॉडर्न आर्ट के नाम पर अर्धनग्न तस्वीरें या शो पीेछे लगे होते हैं ,बड़े बुजुर्गों की तस्वीरें किसी पुराने बक्से या स्टोर रूम में किसी सामान के नीचे दबी होती हैं … तभी तो आज घर -घर नहीं मकान मात्र होते जा रहे हैं ,रिश्ते भी यूज़ एंड थ्रो होते जा रहे हैं …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की जहाँ पहले घर में एक टीवी -एक लैंडलाइन फ़ोन हुआ करता था तो सब लोग साथ साथ बैठा करते थे ,आज हम संपन्न तो हो गए पर रिश्ते अलग अलग कमरों में बिखर गए , डाइनिंग टेबल होते हुए भी खाना सब अपने अपने समय और अपने अपने कमरों में खाना पसंद करते हैं …ये नई हवा का दौर है

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
⚛️?☸️??

Language: Hindi
Tag: लेख
214 Views
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