जीतना लोकतंत्र है ।
ये ताज नही
परोसा थाल नही
युद्ध है संघर्ष है
दांव लगाकर
जीवन का
जीतना लोकतंत्र हैं ।
यहाँ तीर नही
तलवार नही
विचारों का प्रहार है
ये जीत नही
धन दौलत की
ये जनता का हार है ।
नौकरी नही
व्यवसाय नही
दो जून की रोटी कमाने
का ये व्यापार नही
ये सत्ता है लोकतंत्र की
राजनीति के संघर्ष की
इसका कोई
उत्तराधिकार नही ।
जीत के बाद भी
जीत नही
हार के बाद भी
हार नही
इसमें कोई पड़ाव नही
ये लगातार
संघर्ष है
दिल जीतना जनता का
लोकतंत्र का लक्ष्य है ।
कर्तव्य निभाओ
रक्षक का
व्यवहार करो
आम नागरिक सा
ना सोचो
हो तुम व्यक्ति विशेष
तुमने भी पहना
लोकतंत्र के
नागरिक का भेष ।
सबकुछ तुमको
करना होगा
बेटा-भाई बनकर
रहना होगा
हर दुःख में
आगे चलना होगा
ना डरना होगा
ना पीछे हटना होगा
जनता को
बाँहों में भरना होगा ।
धैर्य धीरज से
बार बार
आगे बढ़ना होगा
हार से मुँह ना फेरों
हरदम कुछ सीखना होगा
जीत-हार व्यक्तिगत नही
लोकतंत्र
का जनाआदेश है
काम करने का
आदेश है ।
करते रहो काम
ना करो आराम
देश तुम्हारा
जनता तुम्हारी
लोकतंत्र के दिल में
रहती
जीत तुम्हारी ।