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19 Aug 2021 · 1 min read

जिन्दगी

जिन्दगी एक रेलगाड़ी है
जो बनी आज मालगाड़ी है

कोन जाने कहाँ रूके जाये
साथ सबके ये बेइमानी है

एक पल को न जी सकेगा तू
दिल मुहब्बत का राजधानी है

नापता है जमीं से नभ मानव
सिर के ऊँपर येआसमानी है

जिन्दगी में खुशी मिले तुझको
ताजगी मय वो जिन्दगानी है

मर मिटे आज सैकड़ों जिस पर
वो तिरंगा तो जाफरानी है

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